फिस्कल डेफिसिट 5.1 परसेंट पर स्थिर

नई दिल्ली. देश की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिसमें सकल घरेलू उत्पाद के लिए अलग-अलग अनुमान दिए जा रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र में 3.8 परसेंट की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.4 परसेंट थी. अब तक रबी की बुवाई पिछले साल की तुलना में अधिक रही है और यह कृषि विकास के लिए अच्छा संकेत है.

फिस्कल डेफिसिट 5.1 परसेंट पर स्थिर
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डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, सर्विस सेक्टर की गतिविधियों, हवाई यात्रियों की संख्या, बढ़ते टोल और जीएसटी कलेक्शन जैसे सकारात्मक सूचकांकों के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देश की विकास दर बढ़ने की उम्मीद है.
जीएसटी कलेक्शन में इजाफे से भी खपत मांग में तेजी आने का संकेत वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीएसटी कलेक्शन में भी 8.3 फीसदी का इजाफा हुआ जो उपभोग मांग में तेजी का संकेत है.

रिपोर्ट के मुताबिक कृषि की बेहतर संभावनाओं से ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा, जबकि शहरी मांग में भी सुधार के संकेत मिलते हैं. दिसंबर 2024 में मुद्रास्फीति में कमी आई और आने वाले महीनों में इसमें और कमी आने की उम्मीद है. हालांकि, रुपये की लगातार गिरावट एक प्रमुख जोखिम है.

कुछ हाई फ्रिक्वेंसी इंडेक्स ने डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, इलेक्ट्रॉनिक आयात और फर्टिलाइजर बिक्री में बढ़ोतरी के साथ मांग में तेजी का संकेत दिया है. हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारों के बाद की इन्वेंट्री और सीमित नए लॉन्च के कारण यात्री वाहनों की कुल बिक्री कम रही. ग्रामीण मोर्चे पर कैश फ्लो के मुद्दों और ईवी बाजार की ओर रुख की वजह से टू-व्हीलर की बिक्री में भी भारी गिरावट देखी गई.अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI

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