यवतमाल. यवतमाल जिले की समृद्ध वन संपदा में हाल ही में सड़क दुर्घटनाओं में वन्यजीवों की मृत्यु की संख्या बढ़ रही है। समय पर बचाव कार्य और उपचार न मिलने के कारण कई जानवरों की जान चली जाती है। इसका मुख्य कारण वन विभाग में प्रशिक्षित वन्यजीव रक्षकों की कमी और वन्यजीव उपचार केंद्रों का अभाव है।
गोंदिया, भंडारा, गढ़चिरोली और चंद्रपुर जिलों में वन विभाग ने रैपिड रेस्क्यू टीमों की स्थापना की है, जिसमें अनुबंध पद्धति से प्रशिक्षित वन्यजीव रक्षक शामिल हैं। इन टीमों की कार्य क्षमता के कारण वहां के वन्यजीवों के बचाव कार्य में तेजी आई है। इसी संदर्भ में, यवतमाल जिले में भी वन्यजीव उपचार केंद्र की स्थापना कर, रैपिड रेस्क्यू टीमों में अनुभवी और प्रशिक्षित वन्यजीव रक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए, ऐसी मांग एम एच 29 हेल्पिंग हैंड वन्यजीव संगठन ने की है।
संगठन के अध्यक्ष निलेश मेश्राम और प्रो पंढरी पाठे ने समता मैदान, यवतमाल में जिले के पालक मंत्री संजय राठौड़ को ज्ञापन सौंपा। इस पहल से दुर्घटनाग्रस्त वन्यजीवों को तुरंत मदद मिलकर उनकी जान बचाई जा सकेगी, ऐसी उम्मीद व्यक्त की गई है। अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI