अमरावती. सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, गुलेन-बर्रे रोग के संबंध में मनपा में मनपा आयुक्त सचिन कलंतरे की अध्यक्षता में एक विशाल बैठक आयोजित की गई। उस बैठक में सचिन कलंतरे ने पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रायोगिक विद्यालय, महात्मा ज्योतिबा फुले सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पतालों को निर्देश दिए।

यदि किसी भी मरीज में जीबीएस रोग के लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना चाहिए। अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाइक ने यह भी कहा कि यदि उनके स्वास्थ्य केंद्र में दस्त, हाथ-पैरों में झुनझुनी जैसे लक्षण पाए जाते हैं, तो वे अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
डॉ। विशाल काले ने यह भी बताया कि शहर में कहीं भी जीबीएस बीमारी के लक्षण नजर आएं तो महामारी विज्ञान विभाग से संपर्क करें। जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सोंडेल ने कहा कि जिले में अभी तक किसी भी मरीज का निदान नहीं हुआ है और जिला सामान्य अस्पताल में एक उपचारात्मक योजना उपलब्ध कराई गई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. किशोर इंगोले ने भी कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है।
डॉ। रूपेश खडसे ने इस विशाल बैठक का आयोजन जनता में निराशा का माहौल पैदा न करके जागरूकता पैदा करने तथा यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया कि सभी विभाग जीबीएस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हैं। समीक्षा चर्चा का उद्देश्य जनता में जागरूकता पैदा करना तथा यह सुनिश्चित करना था कि सभी विभाग जीबीएस रोग से लड़ने के लिए तैयार हैं।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रभारी चिकित्सक डा. संदीप पटबागे ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को मरीज की गहन जांच करने का निर्देश दिया। डॉ। सचिन बोंद्रे को बताया गया कि यह बीमारी पशुधन और पोल्ट्री फार्मों में नहीं होती है और पशुपालन विभाग से ऐसा कोई स्पष्ट मार्गदर्शन निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में शहर की एक रैपिड टीम का गठन किया गया। इस टीम में बाल रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजिस्ट, फिजीशियन, मानव विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधिकारी, प्रयोगशाला स्कूल विशेषज्ञ, रोग नियंत्रण अधिकारी और खाद्य एवं औषधि अधिकारी शामिल हैं। अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI