आज से नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघनख प्रदर्शित होगा

नागपुर. इतिहास प्रेमी और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रशंसक अब प्रसिद्ध  वाघ नख (बाघ के पंजे) हथियार देख सकेंगे, जिसने मराठा साम्राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह हथियार 7 फरवरी से नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।

आज से नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघनख प्रदर्शित होगा
नागपुर. इतिहास प्रेमी और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रशंसक अब प्रसिद्ध  वाघ नख (बाघ के पंजे) हथियार देख सकेंगे, जिसने मराठा साम्राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह हथियार 7 फरवरी से नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार ने 'शिवशास्त्र शौर्य गाथा' नामक इस विशेष प्रदर्शनी के लिए ब्रिटेन से वाघ नख मंगवाया है । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे, उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहेंगे।
सिविल लाइंस स्थित केंद्रीय संग्रहालय (अजब बांग्ला) में एक विशेष हॉल तैयार किया गया है, जिसमें मराठा काल के अन्य हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें तलवारें, ढालें और दंडपट्टा (मराठा राज्य का हथियार) शामिल हैं। आगंतुक दुर्लभ अग्निबाण हथियार भी देख सकते हैं। प्रदर्शनी के साथ-साथ मर्दानी खेल (मार्शल आर्ट) और मराठा हथियारों के प्रयोग का सजीव प्रदर्शन भी होगा, जिससे आगंतुकों को शिवाजी महाराज और उनके योद्धाओं के इतिहास और कौशल की गहरी समझ प्राप्त होगी।
नागपुर में रहने के बाद वाघ नख सतारा, कोल्हापुर और मुंबई भी जाएगा, जिससे महाराष्ट्र में अधिक लोगों को इस ऐतिहासिक हथियार को देखने का मौका मिलेगा।
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महाराष्ट्र सरकार ने ‘शिवशास्त्र शौर्य गाथा’ नामक इस विशेष प्रदर्शनी के लिए ब्रिटेन से वाघ नख मंगवाया है । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे, उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहेंगे।

सिविल लाइंस स्थित केंद्रीय संग्रहालय (अजब बांग्ला) में एक विशेष हॉल तैयार किया गया है, जिसमें मराठा काल के अन्य हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें तलवारें, ढालें और दंडपट्टा (मराठा राज्य का हथियार) शामिल हैं। आगंतुक दुर्लभ अग्निबाण हथियार भी देख सकते हैं।

प्रदर्शनी के साथ-साथ मर्दानी खेल (मार्शल आर्ट) और मराठा हथियारों के प्रयोग का सजीव प्रदर्शन भी होगा, जिससे आगंतुकों को शिवाजी महाराज और उनके योद्धाओं के इतिहास और कौशल की गहरी समझ प्राप्त होगी।

नागपुर में रहने के बाद वाघ नख सतारा, कोल्हापुर और मुंबई भी जाएगा, जिससे महाराष्ट्र में अधिक लोगों को इस ऐतिहासिक हथियार को देखने का मौका मिलेगा। अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI

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