छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना

रियोजना की प्रमुख विशेषताएँ

  • स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ
  • निवेश: लगभग ₹1,143 करोड
  • कंपनी: चेन्नई स्थित पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्
  • उत्पादन लक्ष्य: 2030 तक प्रति वर्ष 10 अरब चिप्
  • तकनीक: गैलियम नाइट्राइड (GaN) आधारित चिप्स, जो 5G, 6G, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, रक्षा प्रौद्योगिकी और डेटा एनालिटिक्स में उपयोगी होंग

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर को राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह संयंत्र न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेग।

🧠 गैलियम नाइट्राइड (GaN) तकनीक का महत्व

  • ऊर्जा दक्षता: GaN चिप्स पारंपरिक सिलिकॉन चिप्स की तुलना में अधिक ऊर्जा-कुशल होती हं।
  • उच्च प्रदर्शन: ये चिप्स तेज और टिकाऊ होती हैं, जो उच्च-फ्रीक्वेंसी एप्लिकेशन के लिए आदर्श हं।
  • आत्मनिर्भरता: भारत को सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता से मुक्त करने में सहाक।

💼 रोजगार और आर्थिक प्रभव

इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में हजारों प्रत्यक्ष और लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावनाह। विशेष रूप से बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर आधुनिक उद्योग से जोड़ा जागा।

📈 निवेशकों के लिए असर

राज्य की उद्यमी-अनुकूल नीतियाँ, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और तेज निर्णय प्रक्रिया छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बना रहीहं। पॉलीमेटेक के साथ यह साझेदारी राज्य को तकनीकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र में बदलने की दिशा में निर्णायक कद है।

निष्र्ष

छत्तीसगढ़ में गैलियम नाइट्राइड सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना न केवल राज्य के तकनीकी विकास में मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि देश की तकनीकी क्षमता भी सुदृढ़होगी।

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