भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ग्रोथ के पीछे सबसे बड़ी ताक़त कौन है?
हमारे देश के युवा।
आज हम बातचीत कर रहे हैं आरव वर्मा से – एक 25 वर्षीय यूथ एंटरप्रेन्योर और सोशल लीडर, जिन्होंने न सिर्फ़ एक सफल स्टार्टअप खड़ा किया है, बल्कि गांवों में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान भी शुरू किया है।
इंटरव्यू: यूथ की सोच, राष्ट्र का भविष्य
Q1. आरव, आप भारतीय इकोनॉमी में युवाओं की भूमिका को कैसे देखते हैं?
आरव:
मेरे अनुसार भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी जनसंख्या नहीं, बल्कि युवा जनसंख्या है। 60% से अधिक आबादी 35 साल से कम उम्र की है। अगर इस एनर्जी को सही दिशा में लगाया जाए, तो भारत सुपरपावर बन सकता है। युवा सिर्फ जॉब ढूंढ़ने वाले नहीं, जॉब क्रिएटर भी बन सकते हैं।
Q2. आपके संगठन ‘YUVA Udaan’ की शुरुआत कैसे हुई?
आरव:
COVID के समय मैंने देखा कि छोटे शहरों और गांवों में युवाओं के पास रोजगार के मौके नहीं हैं, लेकिन उनमें टैलेंट बहुत है। मैंने 2021 में ‘YUVA Udaan’ शुरू किया, जहाँ हम उन्हें डिजिटल स्किल्स, फ्रीलांसिंग, लोकल बिजनेस, और स्टार्टअप आइडियाज पर ट्रेनिंग देते हैं। अभी तक 12,000+ युवा इस अभियान से जुड़ चुके हैं।
Q3. सरकार की युवा केंद्रित योजनाओं के बारे में आपकी क्या राय है?
आरव:
योजनाएं जैसे Startup India, Skill India, Mudra Loan जैसी पहलें बहुत सही दिशा में हैं, लेकिन असली चुनौती है ग्राउंड लेवल पर पहुंच। युवाओं को इन योजनाओं के बारे में जानकारी और मार्गदर्शन मिलना बेहद ज़रूरी है।
Q4. आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे?
आरव:
- अपना हुनर पहचानो और उसे विकसित करो।
- केवल सरकारी नौकरी का सपना न देखें, खुद अवसर बनाएं।
- लोकल स्तर पर बदलाव लाने की सोचें – यहीं से इकोनॉमी मजबूत होगी।
- फाइनेंशियल एजुकेशन और डिजिटल लिटरेसी पर ध्यान दें।
- देश की नीतियों में हिस्सा लें – वोट करें, सुझाव दें, जुड़ें।
युवाओं की शक्ति क्यों है गेमचेंजर?
- युवा नए आइडिया लाते हैं – स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलता है
- टेक्नोलॉजी में युवाओं की पकड़ सबसे मज़बूत है
- युवा तेजी से सीखते हैं और बदलाव को अपनाते हैं
- युवा ही डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की असली ताक़त हैं
यूथ + स्किल = न्यू इंडिया
आरव जैसे लाखों युवा आज भारत को सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ये इंटरव्यू यही दिखाता है कि बदलाव संसद से नहीं, संकल्प से शुरू होता है — और वो संकल्प हमारे युवाओं के भीतर है।