नागपुर. भारत और इंग्लैंड के बीच 6 फरवरी को नागपुर में होने वाले पहले वनडे को लेकर दर्शकों का उत्साह चरम पर है। लेकिन टिकट के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े फैंस के सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। फैंस को 3 से 5 घंटे तक कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है। इस पूरे ड्रामे के पीछे टिकेटिंग पार्टनर डिस्ट्रिक्ट जोमाटो की मैनेजमेंट गड़बड़ियों पर सवाल उठ रहे हैं। जिससे कई फैंस का गुस्सा डिस्ट्रिक्ट जोमाटो के खिलाफ फूटा पड़ा।
यह नजारा नागपुर का है, जहां लोग भारत-इंग्लैंड वनडेकी टिकट के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं। ना ये कोई फ्री पास लेने आए हैं, और ना किसी सेल का फायदा उठाने। ये फैंस तो अपनी पहले से बुक की गई ऑनलाइन टिकट को फिजिकल कॉपी में बदलवाने आए हैं। पहले तो फैंस को लगा की टिकट बुक हो गया तो जल्द ही हाथ में फिजिकल टिकट आ जाएगी। लेकिन डिस्ट्रिक्ट जोमाटो की मिस मैनेजमेंट के चलते उनकी उम्मीदों और सब्र पर पानी फिर गया।
डिस्ट्रिक्ट जोमाटो की अव्यवस्थाओं ने दर्शकों का उत्साह फीका कर दिया है। चाहे टिकट 800 रुपये का हो या 10 हजार रुपये का, सभी फैंस को एक ही लाइन में खड़ा किया गया है। नतीजा यह कि फैंस को 5-5 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में वीसीए ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। अधिकारियों का कहना है कि टिकट वितरण का सारा जिम्मा डिस्ट्रिक्ट जोमाटो के पास है, वीसीए का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वीसीए के इस बयान फैंस से फैंस के सामने “ना घर के रहे ना घाट के” वाली स्थिति आ गई।
पिछले कुछ सालो तक टिकट बुकिंग के बाद टिकट की होम डिलीवरी होती है। नागपुर में साल 2018 तक होम डिलेवरी का सिलसिला चलता रहा है। लेकिन 1-2 साल पहले इस सुविधा को खत्म कर दिया है. इसके पिछले की असल वजह अब तक राज बनी हुआ है. बहरहाल, फैंस की टिकट बुकिंग में मेहनत, उनका खर्चा और अब कतार में धक्के खाना। इतनी दिक्कत फैंस सिर्फ क्रिकेट के लिए उठा रहा है। लेकिन इस जूनून के बदले उनके समय और सब्र का फायदा उठाया जा रहा है ये कहना गलत नहीं होगा। अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI