भंडारा।
देश में कोरोना वायरस महामारी फैली हुई है, देश सहित महाराष्ट्र में भीषण स्थिति के कारण त्योहार काल के कारण बाजार में फलों और सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण गृहिणियां परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर विभिन्न फलों और सब्जियों को रासयनिक प्रक्रिया कर बाजार में बेचा जा रहा है। साथ ही कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। हालाँकि, चूंकि टमाटर अब बाजार में कम कीमतों पर उपलब्ध हैं, इसलिए उन्हें टमाटर सॉस, टमाटर का सूप, टमाटर का पेस्ट आदि में भी संसाधित किया जा सकता है। इससे किसान अपने द्वारा उगाए गए टमाटर के उत्पादन से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह किसानों को कु के एक प्रदर्शन के माध्यम से दिया गया था। मीनल प्रशांत कुकड़े ने हाल ही में भंडारा तालुका के किसानों को ‘कैन टोमैटो’ पर प्रशिक्षण देकर मार्गदर्शन किया।
इस पहल के क्रियान्वयन के दौरान किसानों को पारंपरिक फसलों के बजाय बागवानी में परिवर्तित कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष मार्गदर्शन दिया गया। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि-पूरक आवास और लघु उद्योगों को बढ़ावा देगी। उन्होंने किसानों को महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी भी दी कि मानव को उनके दैनिक जीवन में पौष्टिक और रसायन मुक्त भोजन आसानी से उपलब्ध होगा। विद्यार्थी मीनल प्रशांत कुकड़े, श्री संत शंकर महाराज कृषि महाविद्यालय, पिंपलखुटा, जिला हैं। वह अमरावती की अंतिम वर्ष की छात्रा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीयू पाटिल, उप प्राचार्य डॉ. शरद नायक, प्रोफेसर डॉ. वीटी कोरे, प्रोफेसर पवन चिमोटे और दीपक बोदरे के मार्गदर्शन में, कृषि कार्य अनुभव पहल के तहत भंडारा तालुका में प्रशिक्षण लागू किया गया था।