गडचिरोली ,भारतीय गणतंत्र दिवस के ७६वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला और सत्र न्यायालय गडचिरोली के परिसर और प्रमुख न्यायाधीश निवास पर प्रमुख जिला और सत्र न्यायाधीश वसंत कुलकर्णी के हाथों ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर पुलिस सलामी दस्ता और बैंड की संयुक्त टुकड़ी ने राष्ट्रीय सलामी दी।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में जिला विधी सेवा प्राधिकरण, गडचिरोली द्वारा जिले के दिव्यांग कर्णबधीर विद्यार्थियों के लिए कुछ दिन पहले आयोजित की गई चित्रकला प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। विजेता दिव्यांग विद्यार्थियों को जिला विधी सेवा प्राधिकरण, गडचिरोली के अध्यक्ष और प्रमुख जिला और सत्र न्यायाधीश वसंत कुलकर्णी और सचिव और दीवानी न्यायाधीश, गडचिरोली आर.आर. पाटिल के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए।
इसके बाद सचिव ने २६ जनवरी १९५० को पूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मार्गदर्शन में तैयार भारतीय संविधान के लागू होने का महत्व बताया और कहा कि इस दिन के साथ ही वास्तव में प्रजा की सत्ता स्थापित हुई थी, इस प्रकार यह दिन संविधान के महत्व को रेखांकित करता है। साथ ही उन्होंने दिव्यांग और दुर्बल व्यक्तियों की मदद करने और उन्हें कष्ट न देने का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलकर्णी साहब ने अपना संबोधन दिया।
संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए राष्ट्रीय भावना को मन में रखते हुए काम करना चाहिए। हमें अपनी एकता को टूटने नहीं देना चाहिए, और जो भी कार्य हम करते हैं, वह देशभक्ति के भाव से किया जाना चाहिए। जब हम देशभक्ति के साथ काम करेंगे, तो देश की प्रगति निश्चित होगी। सभी को एकजुट होकर और राष्ट्रीय भावना को अपने मन में रखते हुए कार्य करना जरूरी है। दिव्यांगों की सेवा भी राष्ट्रभक्ति है, यह देशभक्ति का संदेश उन्होंने दिया।
कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश श्री एस.पी. सदारफले, दीवानी न्यायाधीश क. स्तर श्री.सी.पी. रघुवंशी, सह दीवानी न्यायाधीश क. स्तर श्रीमती वी.आर. मालोदे, सह न्यायाधीश श्री एस.ए. भैसारे, अन्य न्यायिक अधिकारी, वकील बार संघ के अध्यक्ष श्री आखाड़े, वरिष्ठ विधीज्ञ, न्यायालय प्रबंधक श्री चौहान, न्यायालयीन-प्रशासकीय कर्मचारी, कई दिव्यांग विद्यार्थी, उनके स्कूल के प्रधानाध्यापक और अन्य उपस्थित थे। इस प्रकार २६ जनवरी को बड़े धूमधाम से मनाया गया।