न्यूयॉर्क। (एजेंसी)।
पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए दुनिया को इस बात के लिए अलर्ट किया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो। पीएम मोदी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान और समुद्री स्वतंत्रता को लेकर चीन को जमकर लताड़ लगाई। पीए मोदी ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को भी आईना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ भारत जहां अपनी आजादी के 75वें साल में 75 स्वदेश निर्मित उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है, वहीं कुछ देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने राजनीतिक एजेंडे के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान को नाम लिए बिना चेताया और कहा कि यह उसके लिए भी इतना ही खतरनाक है। पीएम मोदी ने कहा, ‘जो देश आतंकवाद का राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा, यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज विश्व के सामने रूढ़ीवादी सोच और चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा।
अफगानिस्तान को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो। हमें इस बात के लिए सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश टूल की तरह इस्तेमाल ना करे। अभी अफगानिस्तान की जनता, महिला, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है। और हमें इसमें अपना रोल निभाना होगा।’
चीन को भी जमकर सुनाया
पीएम मोदी ने समंदर में दादागिरी दिखाने वाले चीन पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं। इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि हमारे समुद्रीय संसाधनों को हम यूज करें, एब्यूज नहीं। हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें विस्तार और बहिष्कार की दौड़ से बचाकर रखना होगा। रूल बेस्ड आॅर्डर को सशक्त करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आवाज उठानी होगी।
संयुक्त राष्ट्र को दिखाया आईना
पीएम मोदी ने हाल के समय में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और चीन के बीच मिलीभगत के लगे आरोपों का इशारा करते हुए वैश्विक संस्था को भी आईना दिखाया। पीएम ने कहा, ‘यूएन पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने क्लाइमेट क्राइसिस में देखा है, कोविड के दौरान देखा है। दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे प्रॉक्सी वॉर, आतंकवाद और अफगानिस्तान संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना की उत्पत्ति के संदर्भ और ईज आॅफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग को लेकर वैश्विक गवर्नेंस से जुड़ी संस्थाओं ने दशकों के परिश्रम से अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है। ये आवश्यकता है कि हम यूएन को वैश्विक व्यवस्था, वैश्विक कानून और वैश्विक मूल्यों के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें।’ गौरतलब है कि हाल ही में चीन से मिलीभगत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक पर सवाल उठ चुके हैं।