यवतमाल. प्रदूषण की समस्या पिछले कुछ वर्षों में गंभीर हो गई है। बढ़ते प्रदूषण के कारण त्वचा और श्वसन रोगों में वृद्धि हो रही है। उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए यंत्र लगाए गए थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में ये यंत्र अब खराब हो चुके हैं और धूल में पड़े हुए हैं। प्रदूषण से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में डालते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे नागरिकों में गुस्सा और नाराजगी उत्पन्न हो रही है।
वणी में खनिज संसाधनों की भरमार है, और बेहतर परिवहन व्यवस्था के कारण यहां बड़े उद्योग स्थापित हो गए हैं। इन उद्योगों से निकलने वाले विषैले गैसों और धूल के कणों से हवा में प्रदूषण फैल रहा है। इसके अलावा, उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित पानी जलप्रदूषण का कारण बन रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण नागरिकों को श्वसन और त्वचा से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि खेती में भी भारी नुकसान हो रहा है।
हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन उद्योगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इस संदर्भ में वणी विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों की मांग है कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ तात्कालिक कार्रवाई की जाए। वणी तालुका में आठ कोयला खदानें और कई बड़े उद्योग हैं, जिनसे प्रदूषण की समस्या और भी विकराल हो गई है। इस स्थिति में नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है और इस पर शीघ्र समाधान की आवश्यकता है।
नवनिर्वाचित विधायक संजय देरकर से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और नागरिकों की चिंता का समाधान करें।अगली खबर के लिए यहां क्लिक करेंI