कारंजा।
तालुका के कुछ किसानों ने विधायक दादाराव केचे से फोन पर संपर्क किया और ऐन त्योहार के दिन खेत में बोई गई सोयाबीन की स्थिति के बारे में बताया तो वह अधिकारियो को लेकर किसान के बांध पर फसल का जायजा लेने पहुचे इसमें सोयाबीन फसल पर मुल्कुंज, करपा और तांबरा ने सोयाबीन को 100 प्रतिशत नुकसान पहुंचाने की स्थिति है। विधायक दादाराव केचे ने कहा कि पिछले साल कारंजा तालुका में 14,500 हेक्टेयर सोयाबीन नष्ट हो गया था, नुकसान के भरपाई के लिए तत्काल राहत देने के लिए सदन में एक सवाल उठाया था। लेकिन इस अंधे बहरे की सरकार ने किसानों को पीठ दिखाई। इस साल स्थिति पिछले साल की तुलना में बदतर है जब किसानों ने इस साल कर्ज पर अपनी फसल बोई थी। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल की ऐसी स्थिति के कारण वित्तीय स्थिति भी खराब हो गई है| उन्होंने सोयाबीन, कपास की स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए। आर्वी विधानसभा क्षेत्र के आष्टी, कारंजा और में तुअर, फल और सब्जी की फसल। का नुकसान हुआ है। महाबीज की लेट सोयाबीन की फसल मूंगफली से संक्रमित नहीं पाई गई। सोयाबीन की शीघ्र किस्मों की बुआई करने वाले किसानों की फसल कुछ मात्रा में अच्छी पायी गयी है, तो देर से की गई बुआई सारी सोयाबीन बर्बाद हो गई है। कुछ खेत रुके हुए पानी के कारण पीले हो गए हैं। विधायक दादाराव केचे ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र में मौजूदा कृषि विद्यापीठ को पारंपरिक फसल प्रणाली को बदलकर एक शोध भूमिका निभानी चाहिए ताकि भविष्य में किसानों को नुकसान न हो। इस अवसर पर सरिता गाखरे अध्यक्ष जिलापरिषद वर्धा, गोहत्रे मंडल कृषि अधिकारी कारंजा, एन. टी. राउत, कृषि सहायक देशमुख, कृषि सहायक तायडे, कृषि सहायक शेलके, कृषि सहायक तायडे, मुकुंद बारंगे कारंजा तालुका अध्यक्ष भाजपा, किशोर भांगे, विवेक डोबले, जीवन चरडे, सुनील डोंगरे, ईश्वर हिंगवे, अंबादास मानमोडे, प्रवीण डोंगरे, धनराज हिंगवे, धनंजय चौधरी, लोकेश कांबडी, मोहन कांबडी, राजू कांबडी, प्रमोद कलमकर, सुनील नासरे, चंदू देवासे, नामदेव देवासे सरपंच मोर्शी, विलास नासरे उप सरपंच, बाबाराव नासरे, खुशाल पठाड़े, शेषराव चौधरी, धनराज हजारे, चंदू हजारे, पुंडलिक बोबडे, आशाबाई नासरे, प्रकाश नासरे, शंकर येळवतकर, सुरेश बारई, शंकर बारई, नाना रेंगे, गुड्डू भलावी, बाला दंडाले, सुभाष भांगे आदि मौजूद थे।