आष्टी (शहीद)।
आष्टी तालुका के मोई (टांडा) गाँव में बिजली वितरण कंपनी के कुप्रबंधन के कारण मोई (टांडा) गाँव में कृत्रिम पानी की कमी के कारण गोकुलाष्टमी के दिन मोई (टांडा) की महिलाओं को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। दो साल पहले मोई (टांडा) में 86 लाख रुपये की लागत से पाइप लाइन, जलाशय और कुओं का निर्माण किया गया। जिस वजह से ग्रामीणों को मिलने लगा शुद्ध पानी, लेकिन बार-बार हो रहा बिजली वितरण तकनीकी खराबी के कारण गांव में पेयजल की समस्या है। मोई (टांडा) गांव को पानी की आपूर्ति करने वाला कुआं सुसुंद्रा झील में है। उस कुएं को बिजली की आपूर्ति साहूर के सबस्टेशन से होती है। जब बिजली की आपूर्ति सुचारू होती है, तो गांव के शोधक को बिजली की आपूर्ति काट दी जाती है। आष्टी से वाटर प्यूरीफायर पर बिजली की आपूर्ति की जाती है। गांव में प्यूरीफायर से पानी छोड़ने के लिए बिजली की जरूरत होती है। इस बारे में उपसरपंच किसान महाराज चव्हाण ने अनुमंडल विद्युत अभियंता आर्वीसे मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई है।अधिकारियों द्वारा बिजली आपूर्ति बहाल करने के आश्वासन के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गयी। आष्टी के एक इंजीनियर राहुल अटकरे पंचायत की शिकायत का जवाब नहीं दे रहे हैं और उनके व्यवहार से पता चलता है कि मोई गांव के लोगों को पीने के साफ पानी का कोई अधिकार नहीं है। दूसरी ओर, अभियंता राहुल अटकरे, ग्राम पंचायत के बिजली बिल भुगतान के साथ-साथ घरेलू भुगतान का भुगतान नहीं करने पर कटौती करने के लिए उत्सुक हैं। मोई गांव में पानी की किल्लत से गांव की महिलाएं पानी खींचकर अपने परिवार की पानी की जरूरत पूरी कर रही हैं। पिछले जिला परिषद चुनाव में पानी की किल्लत को लेकर पूरे गांव ने चुनाव का बहिष्कार किया था। मोई के ग्रामीणों ने मांग की है कि, एमएसईडीसीएल के अधिकारी पहले वाटर प्यूरीफायर पर बिजली की आपूर्ति को सुव्यवस्थित करके नियमित शुद्ध पानी प्राप्त करें। किसान महाराज चव्हाण उपसरपंच मोई टांडा ने कहा इंजीनियर राहुल अटकरे ने कभी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और बरसात के मौसम में भी मोई के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं।