भद्रावती के मांगली गांव में एक चरवाहे को जंगल में अपने पशुओं को चारा चराना इतना महंगा गिरा जिसकी कीमत उसे अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी। मधुकर कोटनके (५५) नाम का चरवाहा 3 अगस्त को सुबह ११ बजे गांव के एफडीसीएम के जंगल में अपने पशुओं को चराने ले गया था। मगर संध्या को उसके पशु घर आए पर मधुकर नही आया। ये पता चलते ही 25 30 ग्रामीणों का ताफा मधुकर को ढूंढने जंगल गए। चारों ओर उसे ढुंडा पर मधुकर कहीं नहीं दिखा । इसके बाद वनविभाग और ग्रामीणों ने मधुकर को खोंजा पर उसका कोई ठिकाना नहीं लगा। अन्तत: 5 अगस्त को उसका शव दुपहर 2 बजे पीपल के पेड़ के बाजू में मिला। बाघ ने उसके शरीर को अलग अलग कर चीर दिया था। पोलिस और वनविभाग ने उसका शव शव परीक्षण के लिए स्थानीय अस्पताल में भेजा। मधुकर के मृत्यु से पूरे मांगली गांव मे दुख का वातावरण है।
Saturday, November 23, 2024
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