देवेंद्र फडणवीस बने महाराष्ट्र के नए सीएम, इन चुनौतियों का करना होगा सामना

देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. पिछली गठबंधन सरकार में वो उप मुख्यमंत्री थे.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ की जीत में बीजेपी की सबसे बड़ी भूमिका होने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से ये चर्चा चल रही थी कि फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे या शिवसेना के शिंदे गुट के नेता एकनाथ शिंदे. लेकिन अब फडणवीस के सीएम और एकनाथ शिंदे और अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने से ये बहस ख़त्म हो गई है.

फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं.

आइए, जानते हैं कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें किन-किन मोर्चों पर जूझना पड़ सकता है.

मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस का पहला कार्यकाल अच्छा माना जाता है. 2014 में जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो राज्य में प्रशासन चलाने का उन्हें कोई अनुभव नहीं था.

लेकिन उन्होंने इस कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए. इनमें महाराष्ट्र के किसानों को साल भर पानी मुहैया कराने के लिए जलयुक्त शिविर योजना और मुंबई-नागपुर को जोड़ने के लिए 55 हजार करोड़ रुपये की एक्सप्रेस परियोजना शामिल है.

701 किलोमीटर के इस रूट के किनारे कृषि और सहायक उद्योगों से जुड़े 18 शहर विकसित किए गए.

ये एक्सप्रेस-वे 10 जिलों से प्रत्यक्ष और 14 जिलों से अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं. कहा जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे से इन ज़िलों के विकास को गति मिली है.

देवेंद्र फडणवीस ने अपने इस कार्यकाल में मुंबई में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार को मंजूरी दी थी. उस दौरान मुंबई और मुंबई महानगर क्षेत्र में 300 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क का निर्माण किया गया.

देवेंद्र फडणवीस को अपने तीसरे कार्यकाल में भी महाराष्ट्र में विकास कार्यों पर अच्छा-खासा खर्च करना होगा.

जबकि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर ज्यादा है.

पूंजीगत खर्चों में कमी आई है और राजस्व भी घटता जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link