भारतीय जनता पार्टी से साइडलाइन की गईं पंकजा मुंडे को एक और झटका लगा है। उनके कारखाने को 19 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाया का नोटिस मिला है। इसके साथ ही नोटिस में लिखा है कि उन्होंने यह जीएसटी नहीं भरा तो उनके कारखाने की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। वहीं पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनका कारखाना वित्तीय संकट से गुजर रहा है।
पंकजा मुंडे ने केंद्र पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सहकारी विभाग से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने वाले अन्य कारखानों को मदद दी गई लेकिन केवल उनका कारखाना ही इसमें शामिल नहीं था।
मुंडे ने कहा, ‘नोटिस में उल्लिखित आंकड़े ब्याज से संबंधित हैं। प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू हुई थी और हम अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि लगातार सूखे के कारण कारखाना वित्तीय संकट में है। यह परिसमापन के अधीन है और बैंक को गिरवी रखा गया है।
लगभग आठ-नौ कारखानों ने वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को आवेदन किया था। केवल मेरा कारखाना ही ऐसा था जिसे यह नहीं मिला। अगर उसे सहायता मिलती तो हमें आज इसका सामना नहीं करना पड़ता। बीजेपी के दिवंगत दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उदय के बाद पार्टी के भीतर दरकिनार कर दिया गया था। वह 2019 में विधानसभा चुनाव हार गईं और तब से लो प्रोफाइल बनी हुई हैं।
सुले ने पंकजा का दिया साथ
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मौके पर बीजेपी को निशाना पर लिया। मुंडे का बचाव करते हुए, सुले ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि इससे पता चलता है कि कैसे पार्टी अपने पुराने वफादारों के साथ अन्याय कर रही है और केवल नए लोगों को बढ़ावा दे रही है। अन्य कारखानों को केंद्र की सहायता मिली लेकिन उनके कारखाने को बाहर रखा गया।