राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय, नागपुर से प्रशिक्षित अधिकारी, जवान न केवल अग्निशमन में बल्कि किसी भी प्राकृतिक आपदा में अपनी जान की परवाह किए बिना पूरी तत्परता दिखाते हुए अपनी ड्यूटी को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ निभाते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को नागपुर में कहा कि राष्ट्र उनकी अतुलनीय वीरता और बलिदान को सलाम करता है.
नित्यानंद राय राष्ट्रीय अग्निशमन महाविद्यालय एवं अग्निशमन सेवा महानिदेशालय, सिविल द्वारा अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड शौर्य पदक के साथ-साथ अग्निशमन के मेधावी छात्रों को पदक प्रदान करने के समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर अग्निशमन सेवा महानिदेशक, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड महानिदेशालय ताज हसन (भापोसे), राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय के निदेशक आर. एम। क्षीरसागर मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस समय पर केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राष्ट्रपति अग्निशमन सेवा पदक 2021 एवं 2022 प्रदान किया गया.
राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय के प्रशिक्षित एवं कुशल छात्र एवं अधिकारी अपनी उपलब्धियों से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। नित्यानंद राय ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप हमारे पड़ोसी देश भी इस कॉलेज में अपने अग्निशमन अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के इच्छुक हैं. अग्निशमन सेवा में राष्ट्र सेवा है. प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में राहत कार्य, अग्निशमन सेवा के अधिकारियों एवं सैनिकों के माध्यम से वित्तीय हानि की रोकथाम के माध्यम से ‘राष्ट्र प्रथम’ के मिशन को प्राप्त किया जा रहा है. राय ने बताया कि इस कोर्स के माध्यम से फायर सर्विस इंजीनियरिंग के छात्रों को रोजगार के साथ-साथ देश सेवा का अवसर भी मिल रहा है.
नागपुर में 1957 में हुआ था कॉलेज स्थापित
महानिदेशक, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड, ताज हसन ने कहा कि 1956 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश के रामपुर में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा कॉलेज की स्थापना की गई थी. 1957 में कॉलेज को नागपुर स्थानांतरित कर दिया गया. कॉलेज में फायर इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्र शत-प्रतिशत प्लेसमेंट के पात्र होते हैं और निजी कॉलेजों की तुलना में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा कॉलेज में कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है.