कचरे पर प्रक्रिया एक महंगा मामला है, इसलिए मनपा अक्सर इसमें विफल रहती है. लेकिन अब डच कंपनी नागपुर में 319 करोड़ रुपए का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रही है. मनपा इस परियोजना के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करेगा, बल्कि परियोजना के लिए लीज पर दी गई जमीन के एवज में सालाना 15 लाख रुपये देगा.
मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने बताया कि यह प्रोजेक्ट डेढ़ साल में पूरा होगा. मनपा के पास कूड़ा निस्तारण की बड़ी समस्या है. इस पर खर्च करना एक बड़ा सिरदर्द है. मनपा ने वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था. इसमें नीदरलैंड की सबडी होल्डिंग के टेंडर को मंजूरी दी गई थी. इस कंपनी ने टेंडर में मनपा से बिना कोई शुल्क लिए और इसके विपरीत रायल्टी देने का जिक्र किया था. इसलिए आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि इस कंपनी के टेंडर को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना नागपुर शहर की स्वच्छता रेटिंग में सुधार करेगी.
कंपनी के ग्रुप चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर जाप व्हीनेनबॉस ने कहा कि यह परियोजना 27 मिलियन क्यूबिक मीटर या 2 करोड़ 70 क्यूबिक मीटर सीएनजी का उत्पादन करेगी. इस परियोजना से पर्यावरण को कोई खतरा नहीं है. व्हीनेनबॉस ने यह भी कहा कि परियोजना को सभी पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन में बनाया जाएगा.
टेंडर की शर्तों के मुताबिक कंपनी अगले डेढ़ साल में प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. पहले साल में कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी और अगले छह महीने में उसे प्रोसेस करेगी। इसके बाद पूरी क्षमता से प्रोजेक्ट शुरू होगा.
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मनपा को मिलेगा 50 प्रश. हिस्सा
कंपनी कचरे को प्रोसेस कर सीएनजी और बायोगैस बनाएगी.इस बायोगैस और सीएनजी को बाजार में बेचा जाएगा. कंपनी को मिलने वाले राजस्व में से 50 प्रतिशत हिस्सा मनपा को मिलेगा.इसलिए यह परियोजना मनपा के लिए उपयोगी है. शहर में कचरा प्रसंस्करण की समस्या का भी समाधान होगा.