6 सितंबर 22 की रात करिब 11-00 बजे झंडाचौक पहलेपार में युवक नरसिंह बहाडे उर्फ भुरु सावजी हत्याकांड के कारण क्षेत्र में तणावका वातावरण देखा गया. जीसकू चलते सावनेर के थानेदार मारुती मुलूक ने मौके की नजाकत भापते हुँये तुरंत ही सावनेर पुलिस तथा नागपुर जिला ग्रामीण पुलिस नके राईट कंन्ट्रोल फोर्स को बुलाकर झंडाचौकके चप्पे चप्पेपर पुलिस तैनातीसे मानो झंडाचौक कुछही देरमे एक छावनी के रुप में तब्दील हो गया। ज्ञात हो की घटनाके तुरंत बाद सावनेर पोलीसका पुरा महकमा हरकत में आकर घटना में लिप्त आरोपी अशोक किसनलाल नुसाते 55 तथा अतुल गेंदलाल नुसाते 21 की खोजबीनमे लग जहा तुरंतही अतुल नुसाते की गीरफ्तार करने में सफलता पाई वही घटनास्थल से फरार मुख्य आरोपी अशोक नुसाते को 7 सितंबर की सुबह गीरफ्तार करनेमे सफलता पाई। मृतक एंव आरोपी एकही प्रभागके होनेसे मु्तक तथा आरोपीके परिजनोमे तणाव होना संभव देख.शांतता तथा सुव्यवस्था बनाये रखने हेतू थानेदार मारुती मुलूक तथा उनके अधिनस्त अधिकारी कर्मचारीयोने मध्यरात्रीसे ही घटनास्थलका मोर्चा सम्हाल लेनेसे कीसीभी अंदेशित अप्रीय घटना घटीत नही हुई। 7 सितंबर की सुबह मृतक नरसिंह उर्फ भुरु के शवका पोस्टमार्टेम कर पोलीसके भारी बंदोबस्तमे परिजनोको सोप उनके पार्थिवपर स्मशानभुभी संगम पर अंतिम संस्कार शांतीपुर्वक संपन्न हुआ। अंतिम समाचार लिखे जानेतक स्थीत तणावपुर्ण बनी हुयी थी। नागपुर जिला ग्रामीण पुलिस अधिक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक, सावनेर पुलिस उपविभागीय अधिकारी आदीके मार्गदर्शन तथा थानेदार मारुती मुलूक के नेतृत्वमे स्थानिक अपराध शाखाके एपीआय निशांत फुलेकर, एपीआय शिवाजी नागवे, एपीआय वँकटेश धनोडे तथा सभी अधिकारी कर्मचारी स्थीतीपर नजरे बनाये हुए हैं।