डॉ. हरिभाऊ आदमने महाविद्यालय या शराबखाना नशे में धुत कर्मचारी तथा प्राचार्य की तू तू मैं मैं मामला पहुचाँ थाने

शहर में स्थीत डॉ. हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय में नशे में धुत कर्मचारीयो तथा प्राचार्यकी हमरीतुमरी मामला उजागर होने से शिक्षा जैसे पवित्र स्थान पर इस प्रकारकी गैरजिम्मेदाराना हरकतसे कीरकीरी तथा जग हसाईका कारण बनते जारहा है। सावनेर पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय के लिपीक पद पर कार्यरत मोहन सगन दडवे सुबह करिब 10-30 के लगभग शराबके नशे होने तथा साथी कर्मचारी चंद्रकांत वानखडे से उलझनेकी जानकारी चंद्रकांत वानखडे ने प्राचार्य विरेंद्र केशव जुमडे को दी। प्राचार्य के केबीनसे सटे लीपीकोके कमरेमे जोरोकी आवाजे आती देख प्राचार्य जुमडे तथा अन्य कर्मचारी तथा छात्रोने उक्त तमाशा देख दातो तले उंगलीयाँ दबा ली। प्राचार्य विरेंद्र जुमडे के आते ही दोनो में जमकर बहसबाजी होनेसे प्राचार्यने सावनेर पुलिस को बुलाकर शराबी कर्मचारी मोहन दडवेको पुलिस के हवाले कर खुद सावनेर थाना पहुचकर उसकी लीखीत शिकायत की। जीससे मोहन दडवे के खीलाफ धारा 85 के तहत मामला दर्ज कर थानेदार मारुती मुलूक ने मार्गदर्शन में हवालदार अनिल तीवारी मामले की जाँच कर रहे है। ज्ञात हो की डॉ. हरिभाऊ आदमने महाविद्यालय शिक्षाके मामलेमे कम व शराबखोरी और अन्य घटनाओके लीये कुप्रसिद्ध है। इससे पहले भी कोरोनाके कडे लाँकडाऊन में काँलेज मे शराब और मटन पार्टीका मामला हो या महाविद्यालयके प्राचार्य विरेंद्र जुमडे व सहयोगी कर्मीयोका चड्डी डांन्स, नाबालीकासे छेडछाड आदी मामले उजागर कर शिक्षाके पवित्र मंदिर को बदनामीके गर्तमे धकेल चुका है। विश्वस्त सुत्रोकी माने तो अभी दो तीन दीन पहले यहा कार्यरत महिला कर्मचारीसे वरिष्ठ व्दारा मानसिक शोषण की शिकायत प्राचार्यसे कीये जानेकी जानकारी है। नशे के ताल में शिक्षाके मंदिर को शराबखाना तथा हमरीतुमरी की इस घटनाके तहमे जानेका हमारे स्थानिक संवाददाताने प्रयास करणेपर पता चलाकी शराबी लीपीक मोहन दडवेको प्राचार्य व्दारा लगभग पचासो कारण बताओ नोटीस देकर मानसीक तकलीफे दीये जानेकी बात पता चली साथही जीस वक्त महाविद्यालय परिसरमे यह तमाशा जारी था तब डॉ. हरिभाऊ आदमने महाविद्यालय का संचालक मंडल भी उपस्थित होनेकी बात निकलकर आरही है। शिक्षा जैसे पवित्र स्थानको शरबखाना तथा बेवडोका अड्डा बनाकर जगहसाई के दोषीयोपर राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज विद्यापीठ नागपुर के कुलगुरु क्या कदम उठाते है इस ओर महाविद्यालयके छात्र छात्राये, पुर्व छात्र तथा जानकारोकी नजरे लगी हुयी है।

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