यहां के प्रमुख मार्ग के दोनों तरफ बैलों को सजाधजा कर लाया गया, जहां तोरण के निचे कतार बद्द तरिके से खडे किये गये। ग्रामपंचायत के द्वारा ग्रामदेवता की गुढी के साथ किसानों तथा बैलजोडीयों का जन प्रतिनिधियों द्वारा पुजन किया गया। पोला के पारंपरिक लोक गीत जिसे झड़ती कहा जाता है गाया गया।
कोंढाली तथा समिपस्थ सोनेगाव शिरमी, केलापुर सालई, क्षेत्रों के किसानों ने अपने बैलों को सजाकर पोला में हिस्सा लिया। कोंढाली के सरपंच केशवराव धुर्वे, उपसरपंच स्वप्निल व्यास, संजय राऊत, विनोद मकोडे, कमलेश गुप्ता हरिदास मडावी आदि ग्राम पंचायत सदस्य एवं भालचंद्र महाजन, प्रो. मोहन ठवले, महेश गोडबोले, अरुण खोडनकर, रमेश वंजारी, अफसर पठान आदि किसानों के निरिक्षण दल द्वारा चयनीत किसानों तथा उनके बैलजोडीयों का सत्कार किया गया । जिसमें प्रथम- सचिन तायवड़े,द्वितीय- वसंतराव घाटोले तथा तृतीय- ज्ञानेश्वर गिरडकर की बैल जोड़ीयों को पुरस्कार देकर किसानों को सम्मानित किया गया। किसानों के संम्मान मे शॉल, श्रीफल, शील्ड देकर पुरस्कृते किया गया। कोंढाली पुलीस स्टेशन के थानेदार प्रशांत वाघोडे तथा उनके स्टाफ द्वारा कड़ा बंदोबस्त रखा गया था।