नागपुर में केंद्रीय जांच ब्यूरो की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा और मुंबई से ईपीएफओ की सतर्कता टीम ने मंगलवार सुबह इंदौर के टुकडोजी चौक व उमरेड रोड स्थित ईपीएफओ कार्यालयों में तलाशी शुरू की थी, जो देर रात तक जारी रही।उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान अपराध की ओर इशारा करने वाले कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।सूत्रों के अनुसार, बड़ी संख्या में फाइलों और भविष्य निधि प्रविष्टियों की जांच की गई।कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम के तहत जिन कंपनियों में 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके लिए ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल होना अनिवार्य है।तलाशी लेने वाली टीम ने मंगलवार को पाया कि ईपीएफओ के कुछ अधिकारियों ने 40 से 50 कर्मचारियों वाले स्कूलों और निजी कंपनियों को पीएफ दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन ऐसे मामलों में आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों के मालिकों द्वारा ईपीएफओ अधिकारियों को यह यकीन दिलाने का संदेह कि उनकी कंपनी सिर्फ 18 कर्मचारियों के साथ संचालित की जा रही है, जिसकी बुनियाद पर मामलों का निपटारा कर दिया गया था।अधिकारी के अनुसार, सीबीआई और ईपीएफओ का सतर्कता प्रकोष्ठ ईपीएफओ कर्मचारियों द्वारा उचित जांच के बिना ऐसी फाइलों को बंद करने के कारणों की तफ्तीश कर रहा है।