बगैर स्टेशनरी खरीदे ही 67 लाख रुपए के बिल जारी कर दिए गए थे. मनपा आयुक्त द्वारा जांच के निर्देश दिए जाने पर प्रकरण सामने आया था. जिसके बाद सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. सदर पुलिस ने धोखाधड़ी तथा आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर आरोपियों की
गिरफ्तारी आरंभ की. प्रकरण बड़ा होने से जांच आर्थिक शाखा को सौंप दी गई आर्थिक शाखा की जांच में भातकुलकर के इशारे पर स्टेशनरी प्राप्त होने की स्टाक रजिस्टर में प्रविष्ठी की गई थी. वास्तव में कोई भी स्टेशनरी मनपा में पहुंची ही नहीं इसके आधार पर आर्थिक शाखा ने भातकुलकर को गिरफ्तार किया. पी.वाई. कांबले ने भातकुलकर को अदालत में पेश कर 7 फरवरी तक हिरासत में लिया है. इसके पहले प्रकरण में ठेकेदार पद्माकर साकोरे, अतुल साकोरे, मनोहर साकोरे, सामान्य प्रशासन विभाग के लिपिक मोहन पडवंशी तथा ऑडिटर मो. अफाक अहमद को गिरफ्तार किया गया है.