नई दिल्ली. देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश में 14 वकीलों को जजों के रूप में नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 29 जनवरी को हुई अपनी बैठक में कई अधिवक्ताओं को जज के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जस्टिस मुनीषर नाथ भंडारी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया है. जस्टिस भंडारी मूलत: राजस्थान हाईकोर्ट के जज हैं. वे वर्तमान में मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बतौर काम कर रहे हैं. अब उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने मध्य प्रदेश में अधिवक्ताओं के बीच से मनिंदर सिंह भट्टी, अधिवक्ता डीडी बंसल व अधिवक्ता मिलिंद रमेश फड़के के नाम पर न्यायाधीशों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए मुहर लगाई है. डीडी बसंल वर्तमान में ग्वालियर में शासकीय अधिवक्ता के रूप में पदस्थ हैं. जबकि न्यायिक सेवा से अमर नाथ केशरवानी, प्रकाश चंद्र गुप्ता व दिनेश कुमार पालीवाल के नाम शामिल हैं. इसी तरह ओडिशा हाईकोर्ट में चार वकीलों को जज बनाने की सिफारिश की गई है. ओडिशा हाईकोर्ट के लिए वी. नरसिंह, संजय कुमार मिश्रा, ब्रज प्रसन्न सत्पथी और रमण मुरारी के नामों की सिफारिश की गई है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश से अधिवक्ताओं में कोनाकांती श्रीनिवासन रेड्डी, गन्नमारेनी रामकृष्णा प्रसाद, तारलदा राजशेखर राव, सत्ती सुबा रेड्डी, रवि चीमलापति और वेदीबोयाना सुजाता के नामों की सिफारिश की गई है.
हाईकोर्ट में 29 न्यायाधीश पदस्थ
वर्तमान में हाई कोर्ट में 29 न्यायाधीश पदस्थ हैं. जबकि कुल स्वीकृत जजों के पद 53 हैं. ऐसे में छह नए न्यायाधीश आने से कुल संख्या 35 हो जाएगी. इस तरह 18 न्यायाधीश कम रह जाएंगे. लंबे समय से सभी स्वीकृत पद भरे जाने की मांग की जाती है. सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने वकीलों के बीच से तीन व न्यायिक अधिकारियों के बीच से तीन नए नाम मंजूर किए हैं. ऐसे में आगामी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होने की उम्मीद है.