नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को देशभर में जिला स्तर पर कमेटी बनाने का निर्देश दिया है, जिसमें डॉक्टर्स, पुलिस अधिकारी, राज्य के अधिकारी, सीएमओ शामिल होंगे. मांडविया ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अधिकारियों और देश के करीब 100 सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की. यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब देश के अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों डॉक्टर और हेल्थकेयर वर्कर्स भी लगातार कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस मीटिंग का मकसद डॉक्टरों के जरिए लोगों तक मदद पहुंचाने की थी ताकि कोरोना संक्रमण को लेकर सही जानकारी मिले और लोग इससे पैनिक न हों. बैठक में सरकार ने देश में कोविड की स्थिति और अब तक उठाए गए कदमों के बारे में भी डॉक्टरों को अपडेट दिया. केंद्र सरकार ने एक ‘व्हाट्सएप ग्रुप’ बनाया है. डॉक्टरों के साथ हर सप्ताह मीटिंग होगी. इससे पहले सोमवार को भी मांडविया ने कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ कोविड-19 रोकथाम की तैयारियों को लेकर बैठक की थी. उन्होंने इस दौरान निगरानी बढ़ाने, अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार, जांच में बढ़ोतरी, संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए कड़े उपायों को लागू करने जैसे निर्देश दिए थे. ये बैठक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गोवा, दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई थी. मांडविया ने राज्यों को सलाह दी कि वे सभी योग्य आबादी, खासकर कम टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्रों/जिलों में वैक्सीनेशन के काम में तेजी लाएं. उन्होंने कहा कि कोविड के खिलाफ टीकाकरण से अस्पताल में भर्ती होने की संभावना और संक्रमण की गंभीरता भी कम होती है, जैसा कि विश्व स्तर पर देखा गया है.’ उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द 15-18 साल के एज ग्रुप के बच्चों का टीकाकरण करने में तेजी लाएं.
राज्यों को केंद्र की चेतावनी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि संक्रमित जिस तेजी से लगातार बढ़ रहे हैं, भर्ती होने की जरूरत तेजी से बदल सकती है. उन्होंने राज्यों को तैयार रहने के लिए कहा है. फिलहाल केवल पांच से 10 फीसदी संक्रमितों को ही अस्पताल जाने की नौबत आ रही है. दूसरी लहर के दौरान अस्पताल की जरूरत वाले सक्रिय मामलों का प्रतिशत 20-23 फीसदी था.