नई दिल्ली. कोरोना महामारी की तीसरी लहर में डरावना ट्रेंड दिखने लगा है. देश में रोजाना 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं. बुजुर्गों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में वे ही ज्यादा खतरे में हैं. इसी को देखते हुए देश में सोमवार से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लगना शुरू हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 11 करोड़ बुजुर्ग हैं. दिल्ली के साथ देश के अलग अलग राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोमोरबिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित) वाले 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज या प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू हो गई. बुजुर्गों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को भी यह तीसरा डोज दिया जाएगा. चुनाव में जिनकी ड्यूटी लगेगी उन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी में रखा गया है. इन्हें मिलाकर, देश में करीब 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोमोरबिडिटी वाले 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लेने के लिए डॉक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी.हालांकि, ऐसे लोगों को प्रीकॉशन डोज लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है.
वैक्सीन सेंटर पर भी बुक हो सकेगा प्रीकॉशन डोज
प्रीकॉशन डोज लेने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग के साथ वैक्सीन केंद्रों पर भी बुकिंग की जा सकेगी। हालांकि, प्रीकॉशन डोज किस वैक्सीन सेंटर पर मिलेगा, यह जानकारी आपको कोविन ऐप पर ही मिलेगी। प्रीकॉशन डोज या तीसरी डोज लेने के बाद लाभार्थी का सर्टिफिकेट अपने आप अपडेट हो जाएगा.