नई दिल्ली। (एजेंसी)।
वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ी आबोहवा को लेकर डॉक्टर और पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार चिंता जता रहे हैं। पर्यावरणविद् विमलेन्दु झा का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम उत्तर भारत में वर्तमान वायु प्रदूषण संकट की गंभीरता को समझें। यह एक हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने का अभी प्रदूषण में बड़ा योगदान है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि वायु प्रदूषण के संकट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास स्कूलों को बंद करने, वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाय किए जाने चाहिए। उनका मानना है कि शायद अगले एक हफ्ते के लिए निर्माण गतिविधियों पर रोक लगे।
विमलेन्दु झा ने शनिवार को कहा था कि वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण अपने जीवन के 9.5 साल खो देते हैं। लंग केयर फाउंडेशन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है।
राजधानी में वायु गुणवत्ता तीसरे दिन भी गंभीर श्रेणी में
राजधानी दिल्ली में रविवार की सुबह ठंड रही और न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के हिसाब से सामान्य है। हालांकि, दिल्ली में तीसरे दिन भी वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 दर्ज किया गया। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूवार्नुमान एवं अनुसंधान डेटा (सफर) ने बताया कि सोमवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 70 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग ने सुबह के समय हल्का कोहरा और दिन में तेज हवाएं चलने के साथ आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई है।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि पंजाब में 3,942, हरियाणा में 219 और उत्तर प्रदेश में 208 जगहों पर शनिवार को पराली जलाने के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। राजधानी दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अनुमान व्यक्त किया है कि रविवार को आसमान में कुछ समय के लिए बादल छाए रहेंगे और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहेगा।
दिल्ली-एनसीआर में एक जैसे हालात
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह आठ बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 437 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है, वहीं शनिवार को यह 449 था। समीर ऐप के अनुसार, रविवार को गाजियाबाद में एक्यूआई 456 दर्ज किया गया, जबकि नोएडा में 454 और ग्रेटर नोएडा में यह 381 दर्ज किया गया। वहीं, फरीदाबाद में एक्यूआई 372, गुरुग्राम में 439, बागपत में 445 एक्यूआई दर्ज किया गया।
प्रतिबंध के बावजूद बड़े पैमाने पर पटाखे उड़े
प्रतिबंध के बावजूद गुरुवार को बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए जाने, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पांच साल में सबसे खराब हो गई थी। गुरुवार रात को शहर का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी दिवाली के बाद प्रदूषण काफी बढ़ गया। एनसीआर का गाजियाबाद रविवार को सबसे अधिक प्रदूषित रहा।
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401-500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर/खतरनाक’
बता दें कि, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर/खतरनाक’ माना जाता है।