वर्धा.
कोरोना संकट के कारण ट्रेनें प्रभावित होने से इसका सीधा असर रेलवे की आय पर हो रहा था़ परंतु नियमों में ढिलाई बरतने के बाद रेलवे प्रशासन की ओर से स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही है. दिवाली का त्योहार होने से इन दिनों नागरिकों का आवागमन बढ़ गया है. फलस्वरूप रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है. इससे रेलवे की आय में 30 प्रश. तक वृद्धि बताई जा रही है. रेलवे के अच्छे दिन आने से वर्धा व सेवाग्राम रेलवे स्टेशन की रौनक फिर एक बार लौटी है. बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने ट्रेनों में कटौती कर दी है. केवल विशेष एक्सप्रेस गाड़ियां व मालगाड़ियां ही चलायी जा रही है. स्पेशल ट्रेनों में केवल आरक्षण टिकट निकालने पर ही प्रवेश दिया जा रहा है. मुख्य स्टेशनों पर ही गाड़ियों के स्टापेज होने से यात्रियों की संख्या बड़ी मात्रा में घट गई थी. इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनें बंद रहने से रेलवे की नियमित आय प्रभावित हो गई थी. बीच के दिनों में स्थिति यह बन गई थी कि, रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा छाया रहता था. 2020 में लॉकडाउन के दौर में रेल सेवा लंबे समय तक पूर्णत: बंद थी. जानकारों के अनुसार वर्धा जिले में वर्ष 1867 में अंग्रेजों ने रेल सेवा आरंभ की थी. देश स्वतंत्र होने के बाद रेलवे को अधिक व्यापक रूप प्रदान किया. इसमें वर्धा व सेवाग्राम रेलवे स्टेशन का महत्व भी काफी बढ़ गया है. तब से रेल सेवा निरंतर शुरू रही. पहले लॉकडाउन में 153 वर्षों के इतिहास में पहली बार जिले का रेल यातायात लंबे समय तक पूर्णत: ठप रहा. पश्चात कोरोना का संक्रमण कम होने से रेलवे ने केवल स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया. इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी लॉकडाउन की नौबत आ गई थी. परंतु रेलवे प्रशासन ने कोरोना नियमों के तहत कुछ ही गाड़ियां चलाने का निर्णय लिया.