नागपुर:
पिछले 2 साल से सरकार और प्रशासन को निवेदन देने के बाद और हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद इस बारे में प्रशासन के तरफ से कोई भी निर्णय नही लिया गया, इस कारण मेडीकल में आनेवाले हजारों मरीजों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा हैं। एमआरआई मशीन की उपलब्धता नहीं होने की वजह से हजारों मरीज को निजी एमआरआई सेंटर में भेजा जाता हैं और वहां उन मरीजों को 8-12 हजार रुपये लिए जाते हैं. जो निर्धन मरीजों के लिए इतने पैसे जुटाना बहुत मुश्किल हैं. साथ ही साथ मेडिकल शिक्षा ले रहे एमडी,एमएस डॉक्टर भी भारी नुकसान झेल रहे है।ज्ञात हो कि सेवा फाउंडेशन पिछले 3 साल से शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में आनेवाले जरूरतमंद मरीज के उपचार संबंधित दवा, जांच,वैद्यकीय उपकरण,रक्त,भोजन की व्यवस्था निःशुल्क व्यवस्था कर रहा हैं।आंदोलन कर्ताओं ने इस आंदोलन के माध्यम से प्रशासन और सरकार से अपील की है कि,सामान्य मरीजों को आर्थिक शोषण से बचाने के लिए कोई अहम कदम उठाए।इस शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष राज खंडारे, पुरुषोत्तम भोसले, ललित वंजारी, निकेश चव्हाण,श्रेयस लाखे और सेवा फाउंडेशन के के सदस्य उपस्थित थे. इस आंदोलन को सेव अजनी वन के संयोजक जॉर्ज जोसेफ, श्रीमती अनुसया काळे,संजय लहाने ,कुणाल मोर्या,बेटिया शक्ति फाउंडेशन के पदाधिकारी एवं साईदूत परिवार के अनूप मुरतकर का सहयोग मिला.