
तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को अभिनेता से राजनेता बने विजय की चुनावी रैली के दौरान मची भगदड़ के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस घटना में 41 लोगों की जान गई और 80 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है।
तीन नेताओं पर मामला दर्ज
एफआईआर में टीवीके के जिला सचिव मथियाझगन, राज्य महासचिव बुशी आनंद और संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार के नाम शामिल हैं। इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 125(b), 223 और तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अनुमानों से अधिक भीड़
रिपोर्ट के अनुसार, आयोजन की अनुमति केवल 10,000 लोगों के लिए ली गई थी, लेकिन स्थल पर करीब 25,000 लोग पहुंच गए। भीड़ बढ़ने के बावजूद पर्याप्त प्रबंधन नहीं किया गया। पुलिस ने आयोजकों को आगाह भी किया था कि हालात बेकाबू हो सकते हैं, लेकिन चेतावनी नजरअंदाज कर दी गई।
जानबूझकर की गई देरी
एफआईआर में कहा गया है कि विजय दोपहर 12 बजे रैली में आने वाले थे, लेकिन उन्होंने कई घंटे देरी की और बिना अनुमति रोडशो भी निकाला। इस वजह से लोगों की भीड़ लंबे समय तक इंतजार करती रही। धूप और भीड़भाड़ से कई लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हुए। शाम तक स्थिति बिगड़ गई और भगदड़ मच गई।
हादसे की वजह
पुलिस के मुताबिक, भीड़ के दबाव में लोग पेड़ों और दुकानों की शेड पर चढ़ गए। भार अधिक होने से शेड टूट गए और कई लोग गिर पड़े। इसके बाद अफरा-तफरी में दर्जनों लोग दबकर और दम घुटने से मारे गए।
आगे की कार्रवाई
घटना के बाद करूर और आसपास के इलाकों में शोक का माहौल है। पुलिस ने तीन नेताओं पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, राजनीतिक स्तर पर भी इस हादसे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।