
पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ का कहर लगातार जारी है, जिसने दोनों राज्यों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों के उफान और बांधों से छोड़े गए पानी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
पंजाब में भयावह स्थिति:
- पंजाब के लगभग 2,000 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 4 लाख से अधिक लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
- अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
- राज्य को 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है, जिसमें कृषि और ग्रामीण ढांचा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
- सबसे गंभीर स्थिति फिरोजपुर और गुरदासपुर जैसे सीमावर्ती इलाकों में है, जहां भारत-पाकिस्तान सीमा पर 100 से अधिक सीमा चौकियां जलमग्न हो गई हैं।
- रावी, ब्यास और सतलुज नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भाखड़ा और पौंग बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में तबाही:
- हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
- मानसून की शुरुआत से अब तक 366 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग अब भी लापता हैं।
- राज्य में 1,300 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिससे बचाव और राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
राहत और बचाव कार्य:
- दोनों राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और सेना की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
- प्रभावित लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है और उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश के कई बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने की घोषणा की है ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके।
मौसम विभाग ने अभी भी कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब होने की आशंका है।