IPS अधिकारी अंजना कृष्णा पर विवाद, अजित पवार संग तनातनी के बाद NCP नेता ने प्रमाणपत्र जांच की उठाई मांग

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महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है। मामला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा से जुड़ा है। दरअसल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ उनकी कथित तकरार के बाद, एनसीपी नेताओं ने उनके शैक्षणिक और सर्विस सर्टिफिकेट की जांच की मांग उठाई है।

अंजना कृष्णा वर्तमान में महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कई अहम पदों पर कार्य किया है और अपने सख्त रवैये के लिए जानी जाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में उनकी कार्यशैली को लेकर सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बीच असहमति देखने को मिली। इसी कड़ी में एनसीपी नेता ने आरोप लगाया कि उनके प्रमाणपत्रों की पारदर्शी जांच होनी चाहिए।

हालांकि, इस मामले में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। लेकिन यह विवाद फिलहाल राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है।

IPS अंजना कृष्णा कौन हैं?

  • नाम: व. एस. अंजना कृष्णा
  • पद: सोलापुर जिले की करमाला तहसील में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (DSP)
  • शिक्षा व पृष्ठभूमि:
    • केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली
    • मां कोर्ट में टाइपिस्ट, पिता एक कपड़े का व्यापारी
    • गणित में B.Sc. की पढ़ाई NSS कॉलेज, नीरमंकरा से
    • UPSC CSE 2022–23 में AIR 355 प्राप्त कर IPS हुईं
  • प्रशासनिक छवि: ईमानदार, सख्त और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी, जिन्होंने कई मामलों में स्पष्ट अनुपालन दिखाया है

टकराव का मामला – क्या हुआ?

  • स्थानः सोलापुर जिले के कुर्दु गांव में एक अवैध मृद्भूमि उत्खनन (murrum excavation) के खिलाफ कार्रवाई के दौरान यह घटना घटी
  • घटना क्रमः
    • NCP कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अंजना कृष्णा को वीडियो कॉल के माध्यम से अजित पवार से जोड़ा।
    • पवार ने उन्हें कार्रवाई रोकने का आदेश दिया, लेकिन अंजना ने व्यक्ति की पहचान न होने पर कहा कि वे अपने नंबर पर कॉल करें
    • पवार ने वीडियो कॉल पर गुस्से में कहा, “क्या यह हिम्मत हुई? क्या तुम्हें मेरी आवाज़ नहीं पता?” — यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया

सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • सोशल मीडिया में लोगों ने भारी आलोचना की और अधिकारियों की स्वतंत्रता बनाए रखने की मांग उठी
  • अजित पवार ने बाद में भाष्य में कहा कि उनका इरादा कार्रवाई में हस्तक्षेप करना नहीं था, बल्कि स्थिति शांत बनाए रखना था; उन्होंने पुलिस और महिला अधिकारियों की इज्ज़त करने का दावा किया
  • कुछ नेताओं ने उन्हें “Defaulter Case Management” जैसा तंज़ भी दिया, तो कुछ ने सवाल उठाया कि क्या उन्हें ऐसे अधिकारी की नियुक्ति पर जांच नहीं होनी चाहिए?
  • NCP के MLC अमोल मिटकरी ने UPSC से अंजना के शिक्षा और जाति प्रमाणपत्र की जाँच की मांग भी की है
  • सियासी विरोधियों ने इसके पीछे भ्रष्ट गतिविधियों को बचाने का आरोप लगाया

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