
अमेरिकी टैरिफ का असर, रुपये और बॉन्ड पर दबाव
भारत की अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का असर दिखने लगा है। अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने की तैयारी से रुपये और बॉन्ड मार्केट दोनों पर दबाव बढ़ गया है।
क्या है मामला?
27 अगस्त से लागू होने वाले नए शुल्क के कारण भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लग सकता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ेगा और रुपया कमजोर होने की आशंका है। वहीं, निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ने से बॉन्ड मार्केट भी प्रभावित हुआ है।
बाजार पर असर
बीते दिनों भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ, जबकि बॉन्ड यील्ड बढ़कर 6.55% तक पहुँच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी टैरिफ लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो इसका असर व्यापार संतुलन, आयात-निर्यात और निवेश माहौल पर गहरा होगा।
आगे क्या?
रिज़र्व बैंक और वित्त मंत्रालय की नजर हालात पर है। माना जा रहा है कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो रुपया स्थिर रखने और बॉन्ड मार्केट को संतुलित करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।