अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर भारी टैरिफ लगाने से हिचक रहे हैं, जबकि भारत पर उन्होंने 25% से 50% तक टैरिफ लागू कर दिए हैं। इसकी मुख्य वजह है रेयर अर्थ मिनरल्स—दुर्लभ खनिज पदार्थ जिन पर अमेरिका चीन पर काफी हद तक निर्भर है। ये खनिज हाई-टेक इंडस्ट्री और रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं। चीन ने पहले ही सात रेयर अर्थ प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाकर अमेरिका को झटका दिया था। इसके अलावा, क्रिसमस जैसे खरीदारी के मौसम में चीन से सस्ते सामान की जरूरत भी ट्रंप को टैरिफ लगाने से रोक रही है।
🛢️ रूस से तेल खरीदने पर पाबंदी क्यों नहीं?
अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए सेकेंड्री टैरिफ लगाए हैं, लेकिन चीन पर ऐसा करने से पहले ही बीजिंग ने चेतावनी दे दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस से तेल खरीदना उसका वैध अधिकार है और वह अपने ऊर्जा सुरक्षा उपायों को जारी रखेगा। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि चीन पर भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं, लेकिन चीन की प्रतिक्रिया और उसकी दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति रोकने की क्षमता को देखते हुए यह कदम आसान नहीं होगा।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि ट्रंप प्रशासन चीन के साथ टकराव से बचने की रणनीति अपना रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अमेरिका की निर्भरता अधिक है।