विपक्ष ने “वोट चोरी” के ख़िलाफ किया शांत लेकिन जोरदार प्रदर्शन
1. इंडिया ब्लॉक का मार्च – संसद से EC तक
आज (11 अगस्त 2025), लगभग 300 विपक्षी सांसद संसद भवन के मकर द्वार से लेकर निर्वाचन आयोग (Election Commission, EC) तक मार्च निकालने के लिए निकले। इस मार्च का नेतृत्व कांग्रेस के राहुल गांधी कर रहे थे, जिसमें समाजवादी पार्टी, टीएमसी, RJD, AAP सहित 25 से अधिक दलों के सांसद शामिल थे। march का उद्देश्य बिहार में Special Intensive Revision (SIR) और पिछले चुनावों में कथित मताधिकार हनन (vote theft) को उजागर करना था।
हालांकि दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी, जिसके चलते march को रोक दिया गया।
कई सांसदों—जैसे अखिलेश यादव—ने बैरिकेड पार करके आगे बढ़ने की कोशिश की, जबकि प्रियंका गांधी ताली बजा कर प्रदर्शन को उत्साहित कर रही थीं। अंततः सांसद धरने पर बैठ गए।
इस बीच, EC ने 30 विपक्षी नेताओं से दोपहर 12 बजे चर्चा के लिए आमंत्रित किया — इसे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा गया।
2. कांग्रेस का डिजिटल हंगामा – Vote Chori पोर्टल
कांग्रेस ने “वोट चोरी” को “एक विशाल आपराधिक धोखा” करार देते हुए इस मुद्दे पर एक विशेष अभियान शुरू किया। राहुल गांधी ने एक नया ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया, जहाँ लोगों से मांग की गई है कि वे डिजिटल मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खड़े हों।
3. 2019 मतदाता सूची की ऑडिट मांग
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदाता सूची से जुड़े कथित गड़बड़ियों की भी ओर इशारा किया। उन्होंने इस पर व्यापक ऑडिट शुरू करने की घोषणा की, जिससे पार्टी चुनावी प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम उठाना चाहती है।