12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, फ्लाइट AI171, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेहगनीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसमें 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक यात्री जीवित बचा। इस त्रासदी ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया।
दुर्घटना का विवरण
अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दुर्घटना स्थल से अब तक 318 शव अवशेष और लगभग 100 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। ये शव अवशेष 18 जून तक की गिनती के अनुसार हैं और इन्हें फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में भेजा गया है। मलिक ने यह भी बताया कि बरामद किए गए कई मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन पुलिस यह जांच करने की कोशिश कर रही है कि क्या इनमें कोई ऐसी तस्वीरें या वीडियो हैं, जो दुर्घटना के दौरान की घटनाओं को समझने में मदद कर सकते हैं।
दुर्घटना स्थल पर विमान का मलबा बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और मेस क्षेत्र में फैला हुआ था, जहां उस समय कई मेडिकल छात्र और स्टाफ मौजूद थे। इस हादसे में जमीन पर भी कम से कम 39 लोगों की मौत हुई, जिनमें मेडिकल छात्र और स्थानीय निवासी शामिल हैं।
जांच और बचाव कार्य
पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पुलिस की भूमिका केवल दुर्घटना स्थल से बरामद वस्तुओं, जैसे मोबाइल फोन, पासपोर्ट, और आभूषणों की जांच तक सीमित है। विमान के ब्लैक बॉक्स की तकनीकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है। ब्लैक बॉक्स, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल हैं, को मेडिकल कॉलेज की मेस बिल्डिंग की छत पर पाया गया। दूसरा ब्लैक बॉक्स भी रविवार को बरामद कर लिया गया, जो जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
बचाव कार्यों में अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज, नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), भारतीय सेना, और अन्य केंद्रीय बलों ने हिस्सा लिया। 300 से अधिक अग्निशमन कर्मी, 60 फायर वाहन, और 20 वाटर बोउजर्स को तैनात किया गया। अहमदाबाद नगर निगम ने मलबा हटाने के लिए 150 से अधिक वाहनों, जैसे अर्थमूवर्स और एक्सकेवेटर्स, का उपयोग किया।
पीड़ितों की पहचान
शवों की पहचान के लिए DNA टेस्टिंग की जा रही है, क्योंकि अधिकांश शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त या जले हुए हैं। सिविल हॉस्पिटल के डॉ. धवल गमेती ने बताया कि अब तक 270 शव बरामद किए गए हैं, और 80 से अधिक शवों का DNA मिलान उनके परिजनों के साथ हो चुका है। 33 शवों को उनके परिवारों को सौंपा गया है। इस प्रक्रिया में देरी के कारण कई परिजनों ने निराशा व्यक्त की, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है।
विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं, जिनकी पहचान डेंटल रिकॉर्ड्स के जरिए हुई। एकमात्र जीवित बचे यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वशकुमार रमेश, सीट 11A पर थे और वर्तमान में अस्पताल में उपचाररत हैं।
सामाजिक और सरकारी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया और एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना को “हृदयविदारक” बताया और प्रभावितों के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये की अंतरिम सहायता राशि की घोषणा की है। इसके अलावा, टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये देने का वादा किया है।
अहमदाबाद और लंदन में भारतीय समुदाय ने मृतकों की याद में कैंडललाइट विगिल आयोजित की। ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन ने भी अहमदाबाद में पीड़ित परिवारों के लिए सहायता केंद्र का दौरा किया।
निष्कर्ष
यह दुर्घटना न केवल एक तकनीकी विफलता की जांच का विषय है, बल्कि यह मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक बन गई है। 318 शव अवशेष और 100 मोबाइल फोन की बरामदगी इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाती है। जांच से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि आखिर यह हादसा क्यों और कैसे हुआ। तब तक, हम सभी उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।