20 जून, 2025 को ग्रीनलैंड ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित एक परियोजना को 30 साल का खनन परमिट प्रदान किया। यह परियोजना मोलिब्डेनम, एक ऐसी धातु के खनन पर केंद्रित है, जो रक्षा, एयरोस्पेस, और ऊर्जा क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती है। यह कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, विशेष रूप से तब जब चीन ने इस धातु पर निर्यात नियंत्रण लागू किए हैं।
मोलिब्डेनम का महत्व
मोलिब्डेनम एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण धातु है, जिसका उपयोग स्टील को मजबूत करने और उच्च तापमान वाले उपकरणों में किया जाता है। यह रक्षा उद्योग में हथियारों, बख्तरबंद वाहनों, और मिसाइलों के निर्माण में महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह ऊर्जा क्षेत्र में पवन टरबाइन और परमाणु रिएक्टरों जैसे उपकरणों में भी उपयोग होता है। वैश्विक स्तर पर इस धातु की मांग बढ़ रही है, और ग्रीनलैंड का यह कदम यूरोपीय संघ को इसकी आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्रीनलैंड का निर्णय
ग्रीनलैंड ने यह परमिट एक टोरंटो-आधारित कंपनी को दिया है, जिसे यूरोपीय संघ का समर्थन प्राप्त है। यह परियोजना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भू-राजनीतिक महत्व भी रखती है। चीन द्वारा मोलिब्डेनम के निर्यात पर लगाए गए नियंत्रणों के बाद, पश्चिमी देशों को वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की तलाश थी। ग्रीनलैंड का यह कदम यूरोपीय संघ को इस धातु की आपूर्ति में स्वतंत्रता प्रदान कर सकता है।
भू-राजनीतिक प्रभाव
यह परमिट वैश्विक व्यापार और रक्षा क्षेत्र में एक नया मोड़ ला सकता है। ग्रीनलैंड, जो अपनी प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है, अब रणनीतिक धातुओं के खनन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है। यह निर्णय न केवल यूरोपीय संघ के लिए, बल्कि अन्य पश्चिमी देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो चीन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में संतुलन लाने में मदद करेगा।
पर्यावरण और स्थानीय प्रभाव
हालांकि, इस परियोजना से पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर प्रभाव को लेकर भी चर्चा हो रही है। ग्रीनलैंड में खनन गतिविधियों को लेकर पहले भी पर्यावरणीय चिंताएं उठ चुकी हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि यह परियोजना सख्त पर्यावरणीय नियमों के तहत संचालित होगी, लेकिन स्थानीय समुदायों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की नजर इस पर बनी रहेगी।
निष्कर्ष
ग्रीनलैंड का यह निर्णय रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में मोलिब्डेनम की आपूर्ति को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न केवल आर्थिक लाभ प्रदान करेगी, बल्कि वैश्विक भू-राजनीति में भी ग्रीनलैंड की स्थिति को मजबूत करेगी। आने वाले वर्षों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह परियोजना कैसे प्रगति करती है और वैश्विक बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
स्रोत: सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी और समाचार रिपोर्ट्स।