विकास कार्य ज़रूरी हैं, लेकिन उनसे होने वाली असुविधा अगर किसी मासूम बच्चे या बीमार मरीज को भुगतनी पड़े, तो सवाल उठता है — क्या ये विकास सही दिशा में हो रहा है?
आजकल शहरों में जगह-जगह सड़क निर्माण, रिपेयरिंग, या खुदाई का काम चल रहा है। लेकिन जब ये काम स्कूलों और अस्पतालों के पास बिना किसी विशेष योजना और सावधानी के किए जाते हैं, तो इससे आम लोगों की ज़िंदगी प्रभावित होती है — खासतौर पर सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं बच्चे, बुज़ुर्ग और मरीज।
स्कूल के पास निर्माण कार्य: बच्चों की सुरक्षा पर खतरा
1. अव्यवस्थित ट्रैफिक और सुरक्षा जोखिम
स्कूलों के समय पर पहले ही सड़कों पर ट्रैफिक अधिक होता है। अगर वहीं निर्माण हो रहा हो तो:
- बच्चों को वाहन से उतरने में परेशानी होती है
- गड्ढे और खुले नाले उनके लिए जानलेवा बन सकते हैं
- माता-पिता की चिंता और ट्रैफिक जाम में इज़ाफा होता है
2. धूल, ध्वनि और प्रदूषण
निर्माण से उठने वाली धूल और तेज़ मशीनों की आवाज़:
- बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है
- स्कूल परिसर में पढ़ाई का वातावरण बिगाड़ती है
- एलर्जी और साँस की तकलीफें बढ़ जाती हैं
अस्पतालों के पास सड़क कार्य: मरीजों के लिए मुसीबत
1. एम्बुलेंस की आवाजाही में बाधा
अगर अस्पताल के पास रास्ता खुदा हुआ है या डायवर्जन है:
- एम्बुलेंस को अस्पताल पहुँचने में देरी हो सकती है
- गंभीर मरीजों की जान पर बन आती है
- मरीजों को स्ट्रेचर पर अस्पताल तक लाना मुश्किल हो जाता है
2. शांति और स्वच्छता का अभाव
- सड़क की खुदाई से उत्पन्न शोर और धूल मरीजों के लिए हानिकारक होते हैं
- पोस्ट-ऑपरेटिव मरीजों को विशेष शांति की आवश्यकता होती है, जो ऐसे माहौल में संभव नहीं
- अस्पताल के आसपास बदबू और कचरे की स्थिति से संक्रमण फैलने का खतरा
सवाल उठता है – सावधानी क्यों नहीं बरती जाती?
जब स्कूल और अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों के पास कार्य किए जाते हैं, तो क्या यह ज़रूरी नहीं कि:
- कार्य रात में या छुट्टियों में किया जाए?
- धूल रोकने के लिए कवर्स और पानी का छिड़काव किया जाए?
- जगह-जगह चेतावनी बोर्ड, स्लो डाउन संकेत, और बैरिकेडिंग लगाई जाए?
- वैकल्पिक रास्ते सुनिश्चित कर एम्बुलेंस को प्राथमिकता दी जाए?
दुर्भाग्यवश, अधिकतर मामलों में इन सावधानियों का पालन नहीं किया जाता।
क्या हो सकते हैं समाधान?
- पूर्व सूचना और सामुदायिक संवाद
स्कूल प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को पहले से सूचित करना चाहिए ताकि वे तैयारी कर सकें। - निर्माण के समय और अवधि का समायोजन
स्कूल की छुट्टियों या अस्पताल के कम व्यस्त समय में कार्य करना ज़्यादा उचित होगा। - सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स, संकेत और गार्ड
बच्चों और मरीजों की सुरक्षा के लिए अस्थायी उपाय किए जाएं। - ध्वनि और धूल नियंत्रण के उपाय
मशीनरी का सीमित उपयोग, पानी का छिड़काव, और ध्वनि अवरोधक बोर्ड लगाए जाएं। - स्थानीय नागरिकों की भागीदारी
लोग सोशल मीडिया और नगर निगम की हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सड़क निर्माण ज़रूरी है, लेकिन जब ये कार्य बिना सोच-विचार और योजना के होते हैं, तो ये जनता के लिए विकास नहीं, परेशानी और जोखिम बन जाते हैं।
स्कूलों और अस्पतालों के पास निर्माण कार्य करना है, तो उससे पहले ज़िम्मेदारी और संवेदनशीलता दिखाना प्रशासन का कर्तव्य है।