क्या योग से डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी में राहत मिलती है?

आज की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक तनाव, डिप्रेशन (अवसाद) और एंग्ज़ायटी (घबराहट) आम समस्या बनते जा रहे हैं। चाहे काम का दबाव हो, रिश्तों की उलझन या अकेलापन – ये भावनाएं धीरे-धीरे मन और शरीर दोनों को कमजोर करने लगती हैं।

ऐसे में एक बड़ा सवाल है –
क्या योग इस मानसिक अंधेरे से बाहर निकलने में मदद कर सकता है?
उत्तर है – हाँ, योग एक बेहद असरदार नैचुरल उपाय है।


डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी क्या हैं?

  • डिप्रेशन – लगातार उदासी, नकारात्मक सोच, इच्छा शक्ति में कमी, थकान, और जीवन में रुचि खो देना।
  • एंग्ज़ायटी – बार-बार चिंता होना, दिल की धड़कन तेज़ होना, बेचैनी और डर का अनुभव।

ये दोनों मानसिक अवस्थाएं जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।


योग कैसे करता है मदद?

योग केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि मन और भावनाओं को भी नियंत्रित करता है।
यह प्राचीन विज्ञान है जो श्वास, आसन और ध्यान के माध्यम से मस्तिष्क की केमिस्ट्री को संतुलित करता है।

योग के मानसिक लाभ:

✅ मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन हार्मोन बढ़ाता है (जो हैप्पी हार्मोन कहलाते हैं)
कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर कम करता है
✅ सोच को सकारात्मक बनाता है
✅ ध्यान और सांस से मस्तिष्क को शांत करता है
✅ अनिद्रा, थकान और निराशा से राहत देता है


डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी में असरदार योगासन

योगासनलाभ
बालासन (Child’s Pose)गहराई से रिलैक्स करता है
शवासन (Corpse Pose)तनाव और थकान को हटाता है
सेतुबंधासन (Bridge Pose)ब्रेन और नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है
अधोमुख श्वानासन (Downward Dog)ऊर्जा और रक्तसंचार बढ़ाता है
सुखासन + ध्यानमन को स्थिर करता है

प्राणायाम: मानसिक शांति का संजीवनी

प्राणायामलाभ
अनुलोम-विलोमब्रेन में ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाता है
भ्रामरी प्राणायाममाइंड को तुरंत शांत करता है
दीप ब्रीदिंग (गहरी सांस लेना)एंग्ज़ायटी को तुरंत कम करता है

रोज़ 10-15 मिनट का प्राणायाम मानसिक स्वास्थ्य में चमत्कारी असर डाल सकता है।


ध्यान (Meditation) का महत्व

डिप्रेशन में सबसे ज़्यादा मदद करता है –
चुप बैठना, खुद से जुड़ना, विचारों को देखने देना।
हर दिन 10 मिनट का ध्यान –

  • नकारात्मक सोच को घटाता है
  • वर्तमान में रहने की क्षमता बढ़ाता है
  • चिंता और भय से बाहर निकालता है

सुझाव

  • योग को धीरे-धीरे शुरू करें
  • रोज़ का एक निश्चित समय तय करें
  • कोई प्रशिक्षक या ऐप की मदद लें
  • शुरुआत में खुद पर दबाव न डालें
  • डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें – खासकर अगर डिप्रेशन गहरा है

निष्कर्ष

योग कोई जादू नहीं, लेकिन एक स्थायी समाधान है।
यह दवाओं का विकल्प नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली सहयोगी है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है।
अगर आप या आपके आसपास कोई डिप्रेशन या एंग्ज़ायटी से जूझ रहा है, तो योग एक नई उम्मीद की शुरुआत बन सकता है।


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