नई दिल्ली। (एजेंसी)।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो हिन्दू शादी करने के लिए अपने धर्म को बदल रहे हैं, वे बड़ी गलती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब छोटे निजी स्वार्थ के लिए हो रहा है। हिन्दू परिवार भी अपने बच्चों को अपने धर्म और परंपराओं को लेकर गर्व करना नहीं सिखा रहे हैं।
मोहन भागवत उत्तराखंड के हल्द्वानी में आरएसएस कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- ‘कैसे धर्मांतरण होता है? अपने देश के लड़के, लड़कियां दूसरे धर्मों में कैसे चले जाते हैं? छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण। विवाह करने के लिए। धर्मांतरण कराने वाले गलत हैं, वो अलग बात है, लेकिन हमारे बच्चे क्या हम नहीं तैयार करते?’
अपने धर्म के प्रति गौरव का संस्कार देना होगा
उन्होंने आगे कहा- ‘हमको इसका संस्कार घर में देना पड़ेगा। अपने स्व के प्रति गौरव, अपने धर्म के प्रति गौरव। अपनी पूजा के प्रति आदर। उसके लिए प्रश्न आएंगे तो उत्तर देना। कंफ्यूज नहीं होना।’
भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई भाजपा शासित प्रदेश कथित लव-जिहाद या शादी के लिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लेकर आए हैं। माना जाता है कि इन कानूनों को आरएसएस के दबाव की वजह से लागू किया गया है।
आयोजनों में शामिल हों 50% महिलाएं
इस मौके पर भागवत ने भारतीय पारिवारिक मूल्यों और उन्हें कैसे बचाए रखना है, इस बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया कि कैसे आरएसएस के अधिकतर आयोजनों में सिर्फ पुरुष ही दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य हिन्दू समाज को एकजुट करना है, लेकिन जब हम कार्यक्रम आयोजित कराते हैं तो हमें सिर्फ पुरुष दिखाई देते हैं। अगर हमें पूरे समाज को संगठित करना है तो इन कार्यक्रमों में कम से कम 50% महिलाओं को शामिल होना पड़ेगा। भागवत ने यह भी कहा कि भारतीयों ने हमेशा अपनी दौलत दूसरों के साथ बांटी है। मुगलों के आने से पहले भारत में बहुत दौलत थी।