-स्पाइसजेट ने लगाई थी 15 हजार करोड़ की बोली
-दिसंबर अंत तक पूरी होगी प्रक्रिया
नई दिल्ली। (एजेंसी)।
लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया की कमान टाटा समूह के हाथों में सौंप दी गई है। एयर इंडिया के लिए टाटा समूह ने करीब 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी।
मीडिया को संबोधित करते हुए डिपार्टमेंट आॅफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजी मारी है। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि लेन-देन दिसंबर 2021 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई थी।
दीपम सचिव तुहीन कांत पांडेय ने कहा कि एयर इंडिया पर टोटल कर्ज 46262 करोड़ का है. यह आंकड़ा मार्च 2021 तक का है. अगस्त के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 61562 करोड़ पर पहुंच गया.
टाटा को क्या-क्या मिलेगा
सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत-प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा। आपको यहां बता दें कि एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाएं उपलब्ध कराती है। विनिवेश नियमों के मुताबिक टाटा को एयर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी मिलेगी। वहीं, पार्किंग आवंटनों का नियंत्रण दिया जाएगा।
करीब 70 साल बाद फिर टाटा के पास
सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास गई है। दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था। हालांकि, एयर इंडिया का 1953 में राष्ट्रीयकरण किया गया था। इसके बाद कंपनी में सरकार का 100 प्रतिशत स्वामित्व था। हालांकि, कर्ज का बोझ बढ़ने की वजह से सरकार ने साल 2017 में पहली बार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की कोशिश शुरू की थी।
इस बार सरकार 75 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। हालांकि, ये संभव नहीं हो सका। इसके बाद विनिवेश के नियमों में तमाम रियायतें दी गईं और सरकार अपना पूर्ण स्वामित्व बेचने को तैयार हो गई।
एयर इंडिया की बोली लगाने में रुचि दिखाने वालों को आवेदन जमा करने लिए कई डेडलाइन दी गई। आखिरी डेडलाइन 15 सितंबर थी। इस दिन तक एयर इंडिया को खरीदने वालों में मुख्य तौर पर टाटा संस और स्पाइसजेट ने दिलचस्पी दिखाई। अब एयर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप की टाटा संस के हाथों में चली गई है।
आसमान में टाटा की उड़ान
इसी के साथ आसमान में टाटा ग्रुप का वर्चस्व बढ़ गया है। टाटा ग्रुप के मालिकाना हक वाली दो अन्य कंपनियां विस्तारा और एयर एशिया भी एविएशन सेक्टर में सक्रिय हैं। अब टाटा समूह के पास कुल तीन कंपनियां ऐसी हैं, जिनकी एयरलाइन है।
रतन टाटा ने यूं किया स्वागत
एयर इंडिया की कमान मिलने के साथ ही रतन टाटा ने ट्वीट कर स्वागत किया है। उन्होंने लिखा- वेलकम बैक, एयर इंडिया। इसके साथ ही रतन टाटा ने एक तस्वीर भी शेयर की है।