वर्धा।
कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए महाराष्ट्र ग्राम सामाजिक परिवर्तन अभियान, नेस्ले इंडिया लिमिटेड, तीसरी लहर के निवारक उपाय के रूप में जिला परिषद वर्धा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नेस्ले इंडिया लिमिटेड (सीएसआर) के अतिरित्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्यजीत बढे द्वारा आर्वी और कारंजा तालुका से आशा स्वयंसेवकों को ऑक्सीमीटर और थर्माेगन वितरित किए गए। इस समय सत्यजीत बड़े, जिला स्वास्थ्य अधिकारी वेदपाठक, समूह विकास अधिकारी श्री मडावी, तालुका स्वास्थ्य अधिकारी संगीता झोपाटे, नेस्ले इंडिया लिमिटेड (विदर्भ सीएसआर प्रमुऽ) पंकज झा, अमोल पाटिल, रोशन सराफ, जिला कार्यकारी अधिकारी (वीएसटीएफ) प्रवीण कूहे, तालुका समन्वयक निखिल किन्हीकर उपस्थित थे। शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी कोविड-19 का प्रसार बढ़ा है। वैश्विक महामारी की गंभीरता और कोरोना के प्रकोप की तीसरी लहर को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग के तहत ग्रामीण सामाजिक परिवर्तन फाउंडेशन (वीएसटीएफ) द्वारा और विभिन्न कॉर्पाेरेट कंपनियों के साथ साझेदारी में इस श्रृंखला को तोड़ने के लिए मिशन महाग्राम शुरू किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रें में कोविड वायरस के इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रें में चिकित्सा सुविधाओं के लिए निगमों के सीएसआर कोष से नागरिकों को काफी लाभ होगा। ऐसा बढे ने कहा। उन्होंने आशा स्वयंसेवकों द्वारा दी गई सामग्री का उपयोग कैसे करें और आशा स्वयंसेवकों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न उपायों पर भी मार्गदर्शन किया।