‘बार्टी’ का 46 वां स्थापना दिवस मनाया गया-बार्टी की योजनाओं और संवैधानिक अधिकारों पर मार्गदर्शन

नागपुर. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (बार्टी) के नागपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत संचालित सरकारी पिछड़ा वर्ग छात्रावास में बार्टी का 46वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंच पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की एडवोकेट सुरेखा बोरकुटे, छात्रावास प्रमुख रजनी वैद्य, परियोजना प्रबंधक अनिल वालके और बार्टी के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन के साथ हुई।
नागेश वाहुरवाघ ने अपने प्रस्ताविक भाषण में बार्टी के उद्देश्यों और योजनाओं की जानकारी दी। बार्टी, सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग, महाराष्ट्र सरकार की एक स्वायत्त संस्था है। इसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सामाजिक समता के विचार को आमजन तक पहुँचाने और शोध व प्रशिक्षण के उद्देश्य से 22 दिसंबर 1978 को “समता विचारपीठ” के नाम से मुंबई में स्थापित किया गया था। 2008 से यह पुणे में “डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (बार्टी)” के नाम से कार्यरत है।
परियोजना प्रबंधक अनिल वालके, सुनीता झाड़े और शीतल गडलिंग ने बार्टी की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बार्टी के अंतर्गत ओवरसीज प्लेसमेंट प्रोग्राम, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर राष्ट्रीय अनुसंधान फेलोशिप, गैर-निवासी पूर्व प्रशिक्षण (IBPS), MPSC और UPSC के लिए आर्थिक सहायता और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते है
परियोजना अधिकारी सलमान शेख और तुषार सूर्यवंशी ने बताया कि बार्टी के अंतर्गत लर्नेट स्किल्स लिमिटेड, IGTR, टाटा स्ट्राइव, और राष्ट्रीय फसलोत्तर तकनीक जैसी संस्थाओं के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रशिक्षण, आवासीय प्रशिक्षण, सॉफ्ट स्किल कार्यक्रम और जिला स्तरीय मेले शामिल हैं।
इस अवसर पर एडवोकेट सुरेखा बोरकुटे ने छात्रों को जाति प्रमाण पत्र और नौकरी के लिए आवश्यक दस्तावेजों की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए कानूनी और सामाजिक नियमों का पालन करने और साइबर अपराध व नशे से बचने की सलाह दी। इसके साथ ही संवैधानिक अधिकारों और न्याय के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम का संचालन रणर खोब्रागड़े ने किया और आभार प्रदर्शन रजनी वैद्य ने किया। इस दौरान खुशाल ढाक और सरिता महाजन ने छात्रों को बार्टी की योजनाओं से संबंधित पत्रक वितरित किए।

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