जिले में बिजली उपभोक्ताओं का बकाया 83 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसमें से आधा बकाया स्ट्रीट लाइट और जलापूर्ति योजनाओं का है. बकाया बढ़ने से महावितरण की टेंशन बढ़ गई है. वसूली के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी मैदान में उतर आए हैं और नागरिकों से बिल भुगतान करने की अपील कर रहे हैं। बकाएदारों की बिजली भी काटी जा रही है। महावितरण के मुताबिक जिले में हर महीने औसतन 300 करोड़ रुपये का बिजली बिल बांटा जा रहा है. फिलहाल जिले में बिजली उपभोक्ताओं पर 83 करोड़ रुपये बकाया है. जिसमें से 70 करोड़ रुपए अकेले नागपुर जिले में हैं. पिछले महीने 100 करोड़ बकाया. उसकी तुलना में इस महीने स्थिति में थोड़ा सुधार तो हुआ है, लेकिन महावितरण का तनाव अभी भी बना हुआ है.
बार-बार अपील के बावजूद बिजली बिल का भुगतान नहीं करने के कारण महावितरण द्वारा बकायेदारों की बिजली आपूर्ति बंद करने का अभियान तेज कर दिया गया है. इस अभियान में महावितरण के क्षेत्रीय निदेशक सुहास रंगारी, मुख्य अभियंता दिलीप डोडके, अधीक्षण अभियंता अमित परांजपे समेत कई इंजीनियर और अधिकारी भी मैदान में उतरे हैं.