नागपुर। विधानसभा में विदर्भ की चर्चा का प्रस्ताव होने के बाद भी सत्ताधारियों ने इस प्रस्ताव पर चर्चा करने के बजाय सत्र को समेट कर विदर्भ की घोर निराशा की है. यह आरोप, विरोधी पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने लगाया है. इसी मुद्दे पर विरोधी पक्ष के विधायकों ने अधिवेशन के अंतिम दिन वाकआउट कर आंदोलन किया.
वर्षा गायकवाड़ ने विदर्भ के प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की थी, मगर उन्हें चुपचाप बैठाकर काम आगे बढ़ा दिया गया. सत्ताधारियों ने विदर्भ के सभी मुद्दों पर नियम 293 के अनुसार चर्चा का प्रस्ताव रखा था, परंतु मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें मना कर ‘अंतिम सप्ताह प्रस्ताव’ को चर्चा के लिए ले लिया.
वडेट्टीवार ने कहा कि सत्ताधारियों को शीघ्र कामकाज और अधिवेशन निपटाकर नई दिल्ली का विमान पकड़ना था. संयुक्त महाराष्ट्र के करार में विदर्भ में अधिवेशन का आयोजन कर विदर्भ के मुद्दों पर चर्चा होना अपेक्षित है. एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि परंपरा यही है कि सत्ताधारी खुद प्रस्वाव पेश करते हैं और विधानसभा चलाने का तरीका भी यही है. आॅफ डे में प्रस्ताव होने के बाद भी उसे सभागृह में चर्चा के लिए नहीं लिया जाता. यह प्रकार निंदनीय है. यह विधानसभा चलाने का तरीका नहीं है.
आव्हाड ने कहा कि, विरोधी पक्ष को सभागृह में बोलने नहीं दिया जाता. उनके सवालों के जवाब नहीं दिए जाते. उन्होंने कहा कि व्यवस्था को मजाक बना दिया गया है.
सत्ताधारी चर्चा से भागे – अनिल देशमुख
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र में विदर्भ का समावेश करते समय किए गए नागपुर करार के अनुसार एक़ अधिवेशन विदर्भ में आयोजित करने का फैसला हुआ था. इसके लिए शीतकालीन अधिवेशन डेढ़ माह चलना चाहिए.
किसी तरह से पैकेज देकर विदर्भ पर अन्याय करने का एक भी मौका सरकार ने छोड़ा नहीं है. विदर्भ के सिंचाई, किसान समस्या और बिजली के मुद्दे सामने हैं. विदर्भ में आने वाले बड़े-बड़े प्रोजेक्ट यहां से वापस ले जाए जा रहे हैं. ऐसे मुद्दों पर विरोधी पक्षों ने विदर्भ की समस्याओं पर चर्चा की मांग की थी. लेकिन सत्ताधारी दल चर्चा से पीछा छुड़ा रहे हैं.
विपक्ष ने विदर्भ के विकास पर प्रस्ताव ही नहीं पेश किया – फडणवीस
नागपुर। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विरोधी पक्ष ने संपूर्ण अधिवेशन में विदर्भ के मुद्दे पर एक भी प्रस्ताव नहीं दिया. अंतिम हफ्ते में विदर्भ के विकास का प्रस्ताव दिया जाता है. विरोधी दल के नेता और नाना पटोले ने तो कम से कम प्रस्ताव पेश करना चाहिए था. उद्धव ठाकरे सभागृह में नहीं बोलते, सभागृह के बाहर ज़रूर बोलते हैं. यह खेदजनक है कि विपक्ष विदर्भ को भूल गया. हमें जैसे हमारे अध्यक्ष की बात सुननी पड़ती है, वैसे ही तुम्हें भी अपने अध्यक्ष की बात सुननी चाहिए. यह प्रस्ताव विरोधी दल के नेता को पेश करना चाहिए था.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि विदर्भ के लिए अनेक घोषणाएं की गई हैं, मगर विपक्ष को वे दिखाई देनी चाहिए.
शीतकालीन अधिवेशन खत्म,
अगला सत्र 26 फरवरी को
नागपुर। नागपुर में आयोजित शीतकालीन अधिवेशन का आज अंतिम दिन था. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शीतकालीन अधिवेशन के खत्म होने की घोषणा की. विधानमंडल की अगली बैठक 26 फरवरी को मुंबई में होगी.