नागपुर। वाजबी दरों पर सुलभ वैद्यकीय उपचार समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है. कोविड जैसी महामारी ने मजबूत स्वास्थ्य सेवा की ज़रूरत को रेखांकित भी किया है. इस पृष्ठभूमि में मेडिकल क्षेत्र में शोध और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में देश को अग्रणी बनाने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ प्रयास करने की ज़रूरत है. देश को वैश्विक स्तर पर नवीनतापूर्ण केंद्र के रूप में प्रस्थापित किया जाना चाहिए. यह आवाहन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज यहां किया.स्थानीय सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय (मेडिकल) के अमृत महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों हुआ. कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय सड़क परिवहन व महामार्ग मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये उपस्थित थे.
राष्ट्रपति ने नई आधुनिक तकनीक के साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की सहायता से वैद्यकीय क्षेत्र में नया परिवर्तन लाने की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए कहा, वैश्विक स्तर पर सभी को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं देने का ध्येय हासिल करने के मामले में डॉक्टरों की अपर्याप्त संख्या भी एक महत्वपूर्ण कारण है. इसके चलते वैद्यकीय सुविधाओं का लाभ असमान रूप से मिल रहा है. इस असमानता को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जिला रुग्णालय से संलग्न वैद्यकीय महाविद्यालय शुरू करने के लिए सहायता दी जा रही है. इसके चलते प्रादेशिक असंतुलन और शहरी-ग्रामीण के बीच की खाई के कम होने में सहायता मिलेगी. उसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के साथ ही कम दरों पर सुविधा देने के उद्देश्य से विश्व में सबसे बड़ी प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना चलाई जा रही है. आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से स्वास्थ्य विषयक दस्तावेजों का डिजिटायज़ेशन करने का सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है. इसके चलते स्वास्थ्य सेवा अधिक गुणवत्तापूर्ण हो रही है.
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि अंगदान के संबंध में समाज में पर्याप्त जागरुकता नहीं होने के कारण ज़रूरतमंद मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है. हालांकि इसके साथ ही अवैध रूप से अंग बिक्री की घटनाएं भी घट रही हैं. यह खेदजनक है. उन्होंने आवाहन किया कि मेडिकल क्षेत्र को अंग दान के लिए जनजागृति करनी चाहिए. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य समस्या की तरफ भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए.
मध्य भारत में पिछले 75 सालों से वैद्यकीय शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में बहुमूल्य योगदान देने के कारण राष्ट्रपति ने शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय की विशेष रूप से प्रशंसा की. इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित भाव से काम करने वाले डॉक्टरों की एक पंक्ति निर्माण की है.बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करेगा महाविद्यालय : गडकरी
वैद्यकीय महाविद्यालय के नवीनीकरण के लिए सरकार द्वारा भारी निधि देने के प्रति संतोष जताते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, नई सुविधाओं से सुसज्जित होने वाला यह अस्पताल और महाविद्यालय बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने वाला है. इस महाविद्यालय ने नागपुर सहित आसपास के राज्यों में भी उल्लेखनीय वैद्यकीय सेवाएं दी है. खास तौर पर कोविड के दौरान इसका प्रशंसनीय योगदान रहा है. पूर्व विदर्भ में सिकलसेल, थैलेसेमिया के मरीज उल्लेखनीय संख्या में पाए जाते हैं. अमृत महोत्सव के मौके पर शीघ्र ही बोन मैरो से संबंधित उपचार सुविधा की शुरुआत इस अस्पताल में होने वाली है.
अगणित मरीजों का सफल उपचार : फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि स्थापना के समय एशिया के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज का तमगा प्राप्त इस संस्था ने प्रारंभ से ही सेवा भाव दिखाते हुए अगणित मरीजों का सफल उपचार किया है. यह देश की एक महत्वपूर्ण वैद्यकीय संस्था है और अनेक विख्यात विशेषज्ञ इस संस्था ने दिए हैं. उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में समय के साथ-साथ परिवर्तन की जरूरत थी. इसके लिए अमृत महोत्सवी वर्ष में महाविद्यालय को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए सरकार की ओर से 550 करोड़ की निधि दी ग़ई है. शीघ्र ही इस कॉलेज और अस्पताल की कायापालट होने वाली है. एक अत्याधुनिक वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय के रूप में इसे नया स्वरूप मिलने वाला है. इसके तहत शल्यक्रिया कक्ष, अद्यतन यंत्र सामग्री, होस्टल, नई इमारत, क्रीड़ांगण, कैंसर इन्स्टीट्यूट आदि उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके द्वारा आने वाले 50 सालों की ज़रूरत पूरी होगी. आम जनता को स्तरीय वैद्यकीय सुविधा दिलाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न प्रत्यक्ष में साकार करने में इस संस्था का योगदान बहुमूल्य साबित होने वाला है.
उपमुख्यमंत्री ने खास तौर पर बताया कि आईजीएमसी (मेयो अस्पताल) के लिए भी 400 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई गई है.
10 नए मेडिकल कॉलेज : मुश्रीफ
स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए राज्य में 10 नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत की गई है. यह जानकारी देते हुए राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि, निवासी वैद्यकीय अधिकारियों के 1,432 पदों पर भरती होनेवाली है. इस माध्यम से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त मानव-संसाधन उपलब्ध होने वाला है. मुश्रीफ ने कहा, नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों का श्रेणीवर्धन करने के साथ ही नए प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों के लिए एशियाई विकास बैंक की मार्फत 4000 करोड़ रुपयों की निधि मिलने वाली है. राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बी.एससी नर्सिग पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा. नर्सिंग, तकनीकी, गैर तकनीकी वर्गों में 5,182 पदों पर भरती प्रकिया पूर्ण हो चुकी है और शीघ्र ही नियुक्ति-पत्र दिया जाएगा.
नवनिर्मित सभागृह का उद्घाटन
इस अवसर पर नवनिर्मित सभागृह का डिजिटल पद्धति से उद्घाटन भी किया गया. विशेष डाक टिकट का अनावरण भी किया गया. राज्यपाल रमेश बैस के हाथों स्मरणिका और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक भाषण अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने किया.
चार व्यक्तियों का सत्कार
इससे पूर्व महाविद्यालय से संबधित चार माननीय व्यक्तियों का राष्ट्रपति के हाथों सत्कार किया गया. इस महाविद्यालय से उत्तीर्ण पहली बैच के विद्यार्थी डॉ. बी. जे. सूभेदार, महाविद्यालय के लिए जमीन दान करने वाले कर्नल डॉ. कुकड़े के पोते अधि. दिनकर कुकड़े और इस महाविद्यालय को सहायता करने वाले डॉ. शकुंतला गोखले के रिश्तेदार रवि लिमये व डॉ. प्रमोद गिरी का राष्ट्रपति के हाथों सत्कार किया गया.
नागपुर पहुंची राष्ट्रपति, विमानतल पर हुआ स्वागत
इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दो दिनी नागपुर दौरे पर आज दोपहर 12.20 बजे नागपुर आगमन हुआ. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एयर इंडिया के विमान से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर आगमन होने के बाद उनका भव्य स्वागत किया गया. इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एयर मार्शल विवेक गर्क, ब्रिगेडियर राहुल दत्त, विभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी, पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार आदि ने राष्ट्रपति का स्वागत किया.