महिला एवं बाल विकास विभाग, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, यूनिसेफ, कम्यूटेड कम्युनिटीज डेवलपमेंट ट्रस्ट (सीसीडीटी), होप के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई स्थित यशवंतराव चव्हाण फाउंडेशन ऑडिटोरियम में आंचल गोयल को ‘बालस्नेही’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जिसके बाद गोयल को नागपुर में भी गौरवान्वित किया गया.
परभणी की पूर्व जिलाधिकारी और वर्तमान नागपुर मनपा की अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल को बच्चों के सर्वांगीण विकास, बाल अधिकार संरक्षण, उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उत्कृष्ट जिलाधिकारी की श्रेणी में गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बालस्नेही पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
साथ ही नागपुर में महिला आयोग की सदस्य आभा पांडे और संभागीय महिला एवं बाल विकास विभाग की उपायुक्त अर्पणा कोल्हे की उपस्थिति में गोयल का अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरती मानकर, कानूनी सलाहकार धनकुटे, जिला समन्वयक अनिल रेवतकर और संरक्षण अधिकारी माहुरे उपस्थित थे.
परभणी जिले में बाल विवाह की दर सबसे अधिक 46 प्रतिशत है, इसलिए गोयल ने बाल विवाह मुक्त परभणी अभियान शुरू किया. एक वर्ष में लगभग दो सौ बाल विवाह सफलतापूर्वक रोके गये. जब वे जिलाधिकारी थी, तब उन्होंने प्रत्येक तालुका की किशोरियों से बातचीत करके कानून के प्रावधानों के बारे में जन जागरूकता भी पैदा की. प्रत्येक गांव में सरपंच की अध्यक्षता में ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया. इस कार्य पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने गोयल और परभणी जिले की पूरी महिला एवं बाल विकास टीम को सम्मानित किया.
मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलास सत्यार्थी, महिला व बालविकास मंत्री आदिती तटकरे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुशीबेन शाह, महिला व बालविकास आयुक्त डॉ.प्रशांत नारनवरे, विशेष पुलिस महानिरीक्षक (महिला व अत्याचार) दीपक पांडे, महाराष्ट्र राज्य बाल हक्क संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव शिवराज पाटिल, बचपन बचाव आंदोलन के संचालक संपुर्ण बेहरा, युनिसेफ की मुख्य अधिकारी राजलक्ष्मी नायर, होप फोर चिल्ड्रन इंडिया कैरोलिनी व्हैल्टन तथा महिला व बालविकास उपायुक्त राहुल मोरे उपस्थित थे.