नागपुर. राज्य में मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा जाति के पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को विभागीय समीक्षा की.
संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागृह में आयोजित बैठक में अपर आयुक्त माधवी खोड़े-चौरे ने न्यायमूर्ति शिंदे एवं समिति के सदस्यों का स्वागत किया. उपायुक्त एवं विभागीय समन्वय अधिकारी प्रदीप कुलकर्णी, नागपुर के जिलाधिकारीडाॅ.विपिन इटनकर, चंद्रपुर जिलाधिकारी विनय गौड़ा, गोंदिया के जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे, वर्ध्या के जिलाअधिकारी राहुल कार्डिले, भंडारा के जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर और गढ़चिरोली के जिलाधिकारी संजय मीना सहित सभी जिलों के समन्वयक जिला अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को मराठवाड़ा में कुनबी रिकॉर्ड खोजने के अभियान की तरह इस प्रक्रिया को पूरे राज्य में मिशन मोड में लागू करने का निर्देश दिया है. तदनुसार, संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी के मार्गदर्शन में नागपुर संभाग में समन्वय अधिकारियों की नियुक्ति की गई और नागरिकों से उपलब्ध पुराने रिकॉर्ड, वंशावली, शैक्षिक और राजस्व प्रमाण, संस्थानों द्वारा दिए गए चार्टर, राष्ट्रीय दस्तावेजों आदि की जांच के लिए एक विशेष कक्ष स्थापित किया गया. बैठक में न्यायमूर्ति शिंदे ने तदनुसार तैयार की गई जिलेवार रिपोर्ट की समीक्षा की.इस अवसर पर कानून एवं न्याय विभाग के सहसचिव शेखर मुनघाटे, समिति कक्ष के उप सचिव विजय पोवार, अधि.अभिजीत पाटिल, कक्ष अधिकारी माधुरी देशमुख, उमेश अकुर्डे आदि भी उपस्थित थे.
अब हो चुकी है नौ बैठकें समिति ने अब तक नौ बैठकें की हैं और बैठकों में हुई चर्चाओं और निर्देशों के अनुसार, 1967 से पहले और 1948 से पहले के निज़ाम काल के पूरे रिकॉर्ड (राजस्व रिकॉर्ड, भूमि रिकॉर्ड, पुलिस, जेल, शिक्षा रिकॉर्ड, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र), वक्फ बोर्ड, सर्विस रिकॉर्ड्स) की जाँच की जा रही है, जिसमें सरकार के अनुसार कुछ समय लगेगा.