भंडारा. प्रफेशनल सोशल वर्क एंड एजुकेशन फाउंडेशन के तत्वावधान में फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष स्व.डॉ.चंदनसिंह रोटेले जी* की प्रेरणा से फ्रोफेशनल सोशल वर्क एंड एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.केदारसिंह रोटेले के नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रदेश में समाज कार्य महाविद्यालयों को उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरित न कर सामाजिक न्याय विभाग के अधीन रखने के संबंध में तथा समाज कार्य की विविध समस्याओं को लेकर एक शिष्टमंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, भंडारा के पलकमंत्री विजयकुमार गावित से मिला और मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने समाज कार्य महाविद्यालयों को शिक्षा विभाग में स्थानांतरित नहीं करने तथा समाज कार्य की विविध समस्याओं को शीघ्र हल करने का, साथ ही महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने का आश्वासन दिया हैं।
सोमवार को पुलिस मुख्यालय मैदान,भंडारा में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पलकमंत्र को आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा के अध्यक्ष डॉ.केदारसिंह रोटेले के मार्गदर्शन में समाज कार्य प्राध्यापक तथा अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापकों ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई है की हाल ही में संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा) शिक्षा निदेशालय, पुणे ने समाज कल्याण विभाग को विषय के अनुरूप नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश दिया. पत्र द्वारा तथ्यात्मक जानकारी का अनुरोध किया गया है और समाज कल्याण आयुक्तालय ने सभी क्षेत्रीय उपायुक्तों को सूचना भेजने का निर्देश दिया है। उक्त पत्राचार के कारण समाज कार्य के प्राध्यापक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और यह मामला सामाजिक न्याय के अनुकूल नहीं है. मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र निवेदन किया गया है कि समाज कार्य महाविद्यालयों को उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरित करने के असंवैधानिक प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाये तथा समाज कार्य शिक्षा को सुदृढ़ किया जाये।
समाज कार्य महाविद्यालय चलाने की योजना बनाई गई
गौरतलब है की भारत का संविधान ‘राज्य के कमजोर वर्गों और विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को विशेष देखभाल के साथ बढ़ावा देगा, और रक्षा करेगा’ के दृष्टिकोण की पूर्ति के लिए संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत राज्य नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों को निर्देशित करता है। उन्हें सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचाया जाए। भारत के संविधान द्वारा निर्देशित एक कल्याणकारी राज्य बनाने और संविधान की अपेक्षाओं के अनुसार शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास प्राप्त करने के लिए एक स्वैच्छिक आधार पर एक समाज कार्य महाविद्यालय चलाने की योजना बनाई गई है। इनका कार्यान्वयन राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया गया है. इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 50 कॉलेज अनुदान सहायता के आधार पर और 19 कॉलेज गैर-सहायता प्राप्त आधार पर संचालित हो रहे हैं। समाज कार्य, महाविद्यालय के माध्यम से समाज कार्य में डिग्री एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करके प्रशिक्षित समाज कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जाता है जो वैज्ञानिक ढंग से समाज कार्य करते हैं.
544 शिक्षण कर्मचारी समाज कार्य महाविद्यालय में कार्यरत
राज्य में समाज कार्य महाविद्यालय सामाजिक न्याय विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य कर रहे हैं और सामान्यतः 526 शिक्षण कर्मचारी और 544 गैर-शिक्षण कर्मचारी समाज कार्य महाविद्यालय में कार्यरत हैं और हर साल हजारों छात्र समाज कार्य की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से सामाजिक न्याय विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाले समाज कार्य महाविद्यालयों को उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है और उक्त प्रस्ताव सामाजिक कल्याण और सामाजिक न्याय की अवधारणा के लिए खतरा है। शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी, छात्र और समाज कार्य कॉलेज चलाने वाले संस्थान और फ्रोफैशनल सोशल वर्क एंड एजुकेशन फाउंडेशन ने लगातार इसका विरोध किया है।