नई दिल्ली. इजराइल आम नागरिकों से लेकर अस्पताल तक पर बमबारी कर रहा है. सैकड़ों घरों को जमींदोज कर दिया है. शहर में तबाही मचा दी है. इजराइल के हमले से अब स्कूल भी अछूता नहीं है. उत्तरी गाजा स्थित जबल्या शरणार्थी कैंप स्थित दो स्कूलों पर हमला किया है, जिसमें कमोबेश 50 लोगों की मौत हो गई. हैरानी की बात है कि स्कूल का संचालन यूनाइटेड नेशन कर रहा था. इजराइली हमले के बाद यूएन के एक अधिकारी ने हमले को भयानक करार दिया.
जबल्या में अल-फखौरा स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उत्तरी गाजा में इजराइली बमबारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने यहां शरण लिया हुआ था. अस्पताल पर हमले के बाद के वीडियो में देखा गया कि दो मंजिला स्कूल के विंडो से खून बाहर आ रहे थे. खून से लथपथ लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. इस हमले में कई बच्चों की भी मौत हो गई है. मृतकों में कई महिलाएं भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि स्कूल के कमरों में कमोबेश एक दर्जन लोगों के शव खून से लथपथ फर्श पर ही पड़े मिले.
स्कूल के कमरों में डेस्कें बिखरी हुई और टूटी हुई हैं और कमरे की एक दीवार में एक बड़ा छेद देखा जा सकता है. इमारत के प्रांगण में बड़ा नुकसान हुआ है. संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी, जो फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों में स्कूल चलाती है और गाजा में मुख्य संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी के रूप में काम करती है, की प्रवक्ता जूलियट तौमा ने इस घटना की पुष्टि की है. हालांकि, असल में हमले में कितने लोग मारे गए हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
यूएनआरडब्ल्यूए प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने कहा कि घटना के समय हजारों विस्थापित लोग वहां शरण लिए हुए थे. उन्होंने बताया कि इजराइली सेना घटना की समीक्षा कर रही है, लेकिन आगे कोई टिप्पणी नहीं की गई. मिस्र और कतर पहले ही इस घटना के लिए इजराइल के सैन्य अभियान को दोषी ठहरा चुके हैं. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने इसे “बमबारी” कहा, और कहा कि गाजा में नागरिकों के खिलाफ इजराइल लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहा है. कतर ने यूनाइटेड नेशन से गाजा जाकर इसकी जांच करने की अपील की है.